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ध्यानयोग विधि-1
- (संबोधि-ध्यान-शिविर, प्रभात-सत्र
समय : लगभग सवा घंटा)
ध्यान-शिविर सामूहिक प्रयोग होते हुए भी हर व्यक्ति के लिए निजी प्रयोगशाला है। एकाधिक लोगों द्वारा सम्मिलित प्रयास इसलिए किया जा रहा है, ताकि एक-दूसरे का आभामंडल उन्हें भी प्रभावित और तरंगित करे, जो अन्तर्यात्रा के लिए पूरी तरह उत्सुक नहीं है। एक-दूसरे को आगे बढ़ते हुए देखकर हमें भी आगे बढ़ने का प्रोत्साहन मिलता है। शारीरिक शुद्धि और सहज स्फूर्ति के लिए स्नान अवश्य कर लें। उज्ज्वलता के प्रतीक स्वरूप श्वेत वस्त्र पहनें तो ज़्यादा उपयोगी है। हल्का पीला अथवा गुलाबी रंग भी हमारी भाव-स्थिति को सुकून देता है। श्वेत रंग पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, पीला रंग बोधि और निर्वाण का द्योतक है। उल्लास उत्सव और अहोभाव का प्रतीक गुलाबी रंग है।
भाव-शुद्धि प्रार्थना
10 मिनट सभी साधक पंक्तिबद्ध बैठ जाएँ, एक दूसरे से पाँच फीट की दूरी बनाए रखें करबद्ध होकर नमस्कार-महामंत्र' का तीन बार सस्वर पाठ करें।
नमस्कार महामंत्र णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूणं
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