________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
पुररक्षकः / पुररक्षिन्
पुररक्षकः / पुररक्षिन् (पुं०) नरग रक्षक, अंगरक्षक । पुरला (स्त्री० ) [ पुर+ला+क+टाप्] दुर्गा देवी । पुरवर्तिनी (वि०) नगर वासी। (जयो० १२ / ८) पुरस् (अव्य० ) [ पूर्व + असि पुर् आदेश ] समीप, सामने आगे, प्रत्यक्ष, आंखों के सामने।
पुरसन्दिदृक्ष (वि०) नगरावलोकन (समु० २ / २२ ) पुरस्करणं (नपुं०) सामने करना, आगे रखना ।
०सम्मान, आदर, अनुरोध । ० पूजा, अर्चना ।
० आरक्षित, पूजित, सम्मानित |
० संयुक्त, तैयार, संलग्न ।
० अभिमंत्रित ।
० दोषारोपित, कलंकित । ० प्रत्याशित |
www.kobatirth.org
पुरस्कारः (पुं०) सम्मान, पारितोषित । सद्भूतगुणोत्कीर्तन दत्वा पुरस्कारमथेष्टमस्मै, जगाद भद्रो भवतामहन्तु । (समु० ३ / २५)
पुरस्क्रिया ( स्त्री०) सम्मानित करना, आदर प्रदर्शित करना । पुरस्ग (वि०) मुख्य, प्रधान, अग्रणी, समीपवर्ती । पुरस्गम (वि०) देखो ऊपर।
पुरस्गति: (स्त्री०) पूर्ववर्तिता ।
पुरस्गंत (वि०) आगे चलने वाला, नेतृत्व करने वाला, मुखिया, नेता, नायक, प्रधान, मुख्य । पुरस्गामिन् (वि०) देखो ऊपर।
पुरस्गामिन् (पुं०) श्वान, कुत्ता।
पुरस्वरणं (नपुं०) प्रव्रज्या की ओर चलना, दीक्षा के लिए तैयार होना । ०सम्मान की ओर अग्रसर होना।
पुरस्छः (पुं०) चुचूक ।
पुरस्जन्मन् (वि०) पहले जन्म लेने वाला।
पुरस्डाश् (पुं०) यज्ञ की आहूति ।
पुरस्तात् (अव्य० ) [ पूर्व+अस्ताति पुर् + आदेशः ] आगे, सामने।
o पहले, पूर्व में, पहले स्थान पर ।
० पूर्व की ओर, बाद में, अन्त में।
पुरस्थाक (वि०) पूरा होने के निकट, पूरा होने वाला । पुरस्थायिन् (वि०) सामने खड़े रहने वाला । पुरस्प्रहर्तृ (पुं०) अग्रिम पंक्ति का सैनिक। पुरस्फल (वि०) सन्निकट फल वाला। अनधिकार प्रवेशी, छिद्रान्वेषण करने वाला, स्पृहाशील ।
६५६
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पुराणकथा
पुरस्भागिन् (वि०) आगे रहने वाली, अग्रगामी, अग्रगण्य । ० नटखट, स्वेच्छाचारी ।
पुरस्मारुतः (पुं०) अग्र वायु ।
पुरस्वात: (पुं०) आगे की हवा, सामने की पवन। पुरस्सर : (पुं०) अग्रेसर, आगे वाला, अग्रगामी, युक्त। (जयो० १० / ५२ )
पुरस्सर : (पुं०) अनुचर, अनुगामी, अनुयायी । (जयो० ५/२७) ० सेवक, भृत्य ।
० नेता, मुखिया, प्रमुख ।
पुरस्सार: (पुं०) सम्मुख । (जयो० २४ / ३८ )
पुरस्ति (वि०) सामने रक्खा हुआ, नियुक्त | ० अभिकर्ता ।
पुरस्हितः (पुं०) दूत, संदेशवाहक ।
पुरा (अव्य० ) [ पुर्+का] पूर्व काल का, ०आज तक। (जयो० ४/४६) ०प्राचीन समय का, ०पहले का। (जयो०५/२४) (सुद० ४ / ३६) अस्या हि सर्गाय पुरा प्रयासः परः प्रणामाय विधेर्विलासः । ० पुरा- पूर्व काले। (जयो० ११ / ८४)
० प्राग् भाग। (जयो०वृ० १/५ )
पुरा ( स्त्री० ) ०पूर्व दिशा, ०किला गंगा । पुराकथा ( स्त्री०) प्राचीनकथा, उपाख्यान |
पुराकल्प: (पुं०) पूर्व सृष्टि, अतीत युग, पूर्ववर्ती कल्प।
प्रथम युग ।
पुराकृत (वि०) पहले किया हुआ । (जयो० २५/७७) पुराख्यानं (नपुं०) राजधानी वर्णन । पुरागत ( वि०) पूर्व में आया हुआ ।
पुरागेहं (नपुं०) प्राचीन घर, पहले का घर ।
पुराचर (वि०) पूर्व से विचरण करने वाला।
पुराजनुरागः (पुं०) जन्म जन्मातर प्रीति । (जयो० २३/४७) पुराजन्मन् (वि०) पूर्वजन्म वाला ।
पुराजाति: (स्त्री०) पूर्व उत्पत्ति, पूर्वजन्म । (जयो० २३/८३) पुराण (स्त्री०) पुराना, प्राचीन, पूर्व काल सम्बन्धी । ०व्योवृद्ध, पुरातन।
पुराणं (नपुं०) अतीत की घटना। (जयो०वृ० १ / ३६) पुराणकाव्य । पूर्व की कहानी, उपाख्यान, पुरातन कथा, पौराणिक इतिहास | (जयो० ११ / ६)
० त्रिषष्ठिशलाका पुरुषाश्रिता कथा पुराणम्' पुराणकथा ( स्त्री०) पुरातन कथा, त्रिषष्ठिशलाका पुरुषों की कहानियां ।
For Private and Personal Use Only