Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
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भौमदिनं
८००
भौमदिनं (नपुं०) मंगलवार। भौमवारः (पुं०) मंगलवार। भौमरत्वं (नपुं०) मूंगा। भौमिक (वि०) पार्थिव, लौकिक, पृथ्वी पर रहने वाला। भौरिकः (पुं०) कोषाध्यक्ष। भौवादिक (वि०) भू से प्रारंभ होने वाला। अंश् (अक०) गिरना, टूटना, भंग होना।
टपकना, विचलित होना। ०छूटना, अलग होना। ०क्षीण होना, मुझाना, घटना।
बिगाड़ना (जयो० २/६६ भ्रंशयेत्।
०पछाड़ देना, वञ्चित करना। भ्रंशः (पुं०) [भ्रंश मात्रे घञ्] टूटना, नष्ट होना, क्षीण होना।
०पतन, लाश, नष्ट, घात, क्षय, क्षीण, विध्वंस।
०भाग जाना, पलायन करना। भ्रंशन् (वि०) [टूटने वाला] भ्रंशनं (वि०) पतन, विनाशक, वञ्चित होना, विचलित। भ्रंशिन् (वि०) [भ्रंश्+णिनि] पतनशील, विचलित, विध्वंस।
नष्ट होने वाला। भ्रंक्ष (सक०) निगलना, गले उतारना। भ्रञ्जनं (नपुं०) [भ्रस्ञ्+ल्युट्] भूनना, तलना, सेंकना। भ्रण (अक०) शब्द करना। (जयो० ३/४१) भ्रम् (अक०) घूमना, इधर-उधर जाना, परिभ्रमण करना, टहलना, फिरना।
भटकाना, इधर-उधर होना। ०डगमगाना, फड़खड़ाना। फुर फुराना, फड़ फड़ाना। चंचल होना, उद्विग्न होना। ०भुलाना, गुमराह होना।
प्रदक्षिणा देना, मोड़ना। ०मंडराना, चक्कर खाना।
गिरना-भ्रान्त्वा, परिभ्राय। (जयो० ११/२) भ्रमः (पुं०) [भ्रम्+घञ्] घूमना, टहलना, चक्कर लगाना।
विभ्रम, नशा। (वीरो० ४/२४) ०पर्यटन। (जयो० ३/११३)
आवर्तित होना, परिक्रमा, प्रदक्षिणा। • भूल, त्रुटि, गलती, अशुद्धि। (सुद० १११) ०भ्रान्ति, संदेह। (जयोवृ० ७/२१)
व्याकुलता, उलझन। भंवर, जलावर्त। (जयो० २/२५) घूर्णि।
जल फौवारा। भ्रमणं (नपुं०) [भ्रम् ल्युट्] घूमना, चक्कर काटना, टहलना।
मुड़ना, विचलन, पथभ्रंशन। ०पर्यटन, हलन-चलन।
घूर्णन, घुमेरी। भ्रमत् (वि०) घूमना, टहलना। भ्रमरः (पुं०) [भ्र+करन्] भौंरा। ०मधुमक्खी , षट्पद।
०मधुलिह। (जयो० ६/१३०) शिलीमुख। (जयोवृ० १४/५०) ०अलि। (जयो०३० २१/२६)
०मिलिन्द। (जयो०वृ० १०/११८) भ्रमरगीति (स्त्री०) भ्रमर गुञ्जार। (वीरो० ६/२२) भौंरों का
गुनगुनाना। भ्रमर गुञ्जारः (पुं०) भ्रमरगान, भ्रमरगीति, भौंरों की गुनगुना।
(वीरो० ६/२२) भ्रमरजालं (नपुं०) भ्रमर समूह। भ्रमरनदं (नपुं०) भौंरों की गुनगुन। भ्रमरनादं (नपुं०) भौंरों की गुनगुनाहट। भ्रमरपदं (नपुं०) भ्रमर चरण। भ्रमरप्रियः (पुं०) कदम्ब तरु। भ्रमरमण्डलं (नपुं०) मधुमक्खियों का समूह। भ्रमरमोदः (पुं०) भौंरों का गान। भ्रमरसमूहः (पुं०) अलिषक, भ्रमर गुल, भौंरों का झुण्ड।
(जयो०वृ० २१/६६) भ्रमरिका (स्त्री०) [भ्रमरक+टाप] सब दिशाओं में घूमने
वाला। भ्रमरी (स्त्री०) [भ्रमर+ङीप्] षट्पदी, भौंरी। (वीरो० ३/३३)
(वीरो० ४/३४) भ्रमवश (वि०) संदेह वश। (सम० ७/१४) भ्रमोत्पत्तिः (स्त्री०) संदेह का जन्म। (वीरो० ९/२१) भ्रमिः (स्त्री०) [भ्रम् इ] आवर्तन, मोड़, चक्कर दार गति।
घूमना, परिक्रमा। भ्रष्ट (वि०) [भ्रंश्+क्त] ०पतित, गिरा हुआ।
वियुक्त, वञ्चित। आत्मगत भावों से विमुख। निष्कासित, निकाला गया।
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