Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

View full book text
Previous | Next

Page 443
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मेधकफ: ८५८ मेदसूज मेघकफः (पुं०) ओला, हिम। मेघकलः (पुं०) वृष्टि, वर्षा ऋतु। मेघगर्जनं (नपुं०) मेघों की गर्जना। (जयो०७० ३/१११) मेघचिंतकः (पुं०) चातक पक्षी। मेघजालं (नपुं०) मेघ समूह। मेघजीवकः (पुं०) चातक पक्षी। मेघजीवनः (पुं०) चातक पक्षी। मेघज्योतिस् (पुं०/नपुं०) बिजली। मेघडम्बरः (पुं०) बादलों की गर्जना, वारिदगण। (जयो०वृ० मेघसुहृदः (पुं०) मयूर, मोर। मेघस्तनित (नपुं०) मेघ गर्जना। मेघेश्वरः (पुं०) विद्याधर। (जयो० ७/८९) मेघेश्वरगुणः (पुं०) जयकुमार राजा। (जयो० ६/९९) मेघेश्वराभिधा (स्त्री०) मेघसमूह। (जयो० ७/२६) मेघ गर्जना। मेघेश्वराभिधा लब्ध्वा गुरुणा गर्वितां गतः। मेचक (वि०) काला, गहरा नीला। मेचकः (पुं०) कालिमा, गहरा नीला, श्यामल, तम। मोर की पूंछ। मेघ, बादल। मेचकः श्यामले बहिर्चन्दे। अन्धकार। ०धुआ। मेघदीपः (पुं०) बिजली। मेघद्वारं (नपुं०) आकाश, अंतरिक्ष। मेघनादः (पुं०) बादलों की गर्जना। रावण का पुत्र, इन्द्रजीत। मेघनायकः (पुं०) विद्याधर। (जयो० ७/८९) मेघनिर्घोषः (पुं०) बादलों की गर्जना। मेघपंक्तिः (स्त्री०) मेघ समूह। मेघपुष्पः (पुं०) पानी, ओला। मेघप्रभः (पुं०) विद्याधर (जयो० ७/८९) (जयो० ८/७२) मेघप्रसवः (पुं०) ०जल, नीर, वारि। ओला। हिम। मेघभूतिः (स्त्री०) वज्र। मेघमण्डलं (नपुं०) अंतरिक्ष, आकाश, गगन। मेघमानितः (पुं०) मेघ नामक देव। (जयो० ७/६३) मेधामानित (वि०) समाहत, वर्षा से सम्मानित (जयो० ७/६३) मेघमाल (वि०) बादलों से घिरा हुआ। मेघमाला (स्त्री०) मेघ समूह। मेघयोनिः (स्त्री०) धुंआ। मेघरवः (पुं०) मेघ गर्जना। मेघवर्णा (स्त्री०) नील का पौधा। मेघवर्मन् (नपुं०) आकाश, अंतरिक्ष। मेघवह्निः (स्त्री०) विद्युत, बिजली। मेघवाहनः (पुं०) इन्द्र। मेघवेश्मन् (नपुं०) आकाश, अंतरिक्ष। मेघसंघः (पुं०) मेघ समूह। (सुद० १/८) मेघसमूहः (पुं०) वारिदगण। (सुद० २/१३) मेघसारः (पुं०) कपूर, घनसार। ०चुचुका मेचकं (नपुं०) अंधकार, तम उग्रप्रकृति। ०श्यामलका (जयो० २६/२३) मेचकिला (वि०) बहुवर्णा। (जो० २१/२६) मेठः (पुं०) मेष। ०महावत। मेठिः (स्त्री०) खम्भा, स्थाणु, खूटा। मेढः (पुं०) [मिह+ष्ट्रन्] मेंढा, मेष। मेढं (नपुं०) जननेन्द्रिय, पुरुष लिंग। मेढ़कः (पुं०) ०भुजा। लिंग। मेष्ठः (पुं०) महावत। मेतार्यः (पुं०) दसवें गणधर। (वीरो० १४/११) मेथ् (सक०) समझना, जानना। घात करना। ०मारना। मिलना। मेथिका (स्त्री०) [मेथ्+ण्वुल्+टाप्] ०मेथी। घास विशेष। मेदः (पुं०) [मेदते स्निह्यति मिद्+अच्] ०चर्बी। मेदकः (पुं०) अर्क। मेदस् (नपुं०) चर्बी। मांसलता, शरीर का मोटापा। मेदस्कृत (पुं०/नपुं०) मांस। मेदसुगन्धिः (स्त्री०) रसौली, मेंद का गांठ। मेदस्जं (नपुं०) हड्डी। For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450