Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
मदः
मदनोदारचेष्टित
आनंद मनाना, प्रसन्न होना। ०चूर करना। मदः (पुं०) [मद्+अच्] घमण्ड, अहंकार, अभिमान। (सुद०
११०) ०मादकता, उन्मत्तता। विक्षिप्तता, पागलपन। उत्कण्ठा, गाढाभिलाषा। ०उल्लास, आनन्द।
मदिरा, शराब। 'किं ग्लापिताऽसि मदेन' (सुद० ८७) ०मधु, शहद। ०शुक्र, वीर्य। ०कस्तूरी।
उन्मत्त (जयो० ३/१११) नशा। (जयो० ११/७६) बलाहकबलाधानान्मयूरा मदमाययुः। (जयो० ३/१११)
मद्य-मदो मृगमदे मद्ये दानमुद्गर्वरेतसि 'इति विश्वलोचना' (जयो०वृ०५/४४)
जातिमद। (सुद० २/२) ०परप्रकर्षनिबन्धन।
आनंद, सम्मोह, हर्ष। (जयो० ११/७६)
प्रेम, इच्छा, प्रीति। मदकर (वि०) मादक, उन्मत्त कारक। मदकल (वि.) मृदुभाषी, अव्यक्त भाषी, अस्पष्टभाषी। मदकारक (वि०) मदानुभाव। (जयो०वृ० १५/१४) मदकारिन् (पुं०) उन्मत्त हस्ति। मदकोहलः (पुं०) उन्मुक्त सांड, इधर-उधर विचरण करने
वाला सांड। मदकृति (स्त्री०) उन्मत्तकारी। (जयों०२/१२९) मदखेल (वि.) केलिप्रियता, प्रणय क्रीडा करने वाला। मदक्षर (वि०) अपराधकारी शब्द। मदगन्धा (स्त्री०) मादक पेय।
०पटसन। मदगमनः (पुं०) भैंसा। मदच्युत (वि०) कामुक, कामेच्छा प्रकट करने वाला,
स्वेच्छाचारी।
० आनन्ददायक, उल्लासमय। मदच्युतः (पुं०) इन्द्र। मदजनक (वि०) मोह उत्पन्न करने वाला, मद से परिपूर्ण।
(जयो०वृ० २/१३०)
मदजालं (नपुं०) मदरस, मद की प्रधानता। मदज्वरः (पुं०) कामज्वर। मदसरण (वि०) मद का अपहरण। मदस्य दारणायापकरणाय
मदापहरण। (जयो० १३/३०) मदद्विषः (पुं०) उन्मत्तहस्ति। मदन (वि०) मादक, पागलपन, आनन्ददायक, उल्लासमय। मदनः (पुं०) [माद्यति अनेक-मद्-करणे ल्युट्] कामदेव।
(जयो० ६/५१) काम (जयो० १/६०) ०धतूरा, आम्रवृक्ष। मदन-स्मर-धत्तूर-वसन्तद्रुम-सिक्थवे 'इति विश्वलोचनः' (जयो०वृ० २१/९५)
हर्ष। ०आनन्द। (जयो० ११/७६) ०वसन्त ऋतु। नशा। ०मादकता। मधुमक्खी , भ्रमर। प्रेम, प्रीति, उत्कण्ठा।
आलिगंन। ०बकुल तरु।
खैर।
प्रसन्न भाव। (जयो० ४/५२) मदनदावा (स्त्री०) मदनाग्नि, कामाग्नि। (सुद० ७४) मदनमद-हरण (वि०) काममद का हरण करने वाला। (सुद०
१३६) मदनमनोहरः (वि०) कामदेव के समान सुंदर। (जयो०१४/१६)
'मदनः स्मर-धत्तूर-वसंत-द्रुम-सिक्थके' इति विश्वलोचनः' (जयो० १४/१६)
नाना आम्रवृक्ष। मदनेन नानाम्रवृक्षण मनोहर। (जयो०वृ०
१४/१६) मदनवत् (वि०) मृदुलता, प्रेम। मदनवत्मन (वि०) मुदुलमन, सरल मन। (सुद० ७६) मदनशासिनि (वि०) कामदेवाज्ञाकारिणी। (जयो० १६/६०) मदनस्तवः (पुं०) काम प्रस्ताव। (वीरो० ६/३२) मदनारिक (वि०) कामवासना विरोधी। (जयो० २५/७९) मदनैकधुरा (वि०) ०कामोत्पत्तिकरण क्रियावती, कामोत्पादक
क्रिया साहित। (जयो० १८/१२) मदनोदयरश्मि (स्त्री०) प्रसन्नभाव के संस्कार। (जयो० ४/५२)
मदनोदयस्य प्रसन्नभावस्य रश्मिः संस्कारः। (जयो०१०
४/५२) मदनोदारचेष्टित (वि०) आम्रवृक्ष की उदार चेष्टाओं वाले।
For Private and Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450