Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation
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मद्यदुमः
८१२
मधुमेहः
मद्यदुमः (पुं०) महुआ, महुडा, ताड़ी वृक्ष। मद्यपः (पुं०) ०पियक्कड़, शराबी, नशाशील, मद्य पीने
वाला। मद्यपानं (नपुं०) शराब पान, मदिरा पान। 'मद्यस्य पाने
मदिरास्वादन। (जयो० १६/२८) मद्यपीत (वि०) शराब पिए हुए, शराबी, शराब पीने वाला,
नशा करने वाला। मद्यपुष्पा (स्त्री०) धातकी पादप। मद्यभाजनं (नपुं०) मद्यपात्र, सुरापात्र। मद्यभण्डः (पुं०) मद्य झाग। मद्यवासिनी (वि०) धातकी का पौधा। मद्यविलुप्त (वि०) मद्य रहित। (जयो०१६/५५) ०नशा मुक्त। मद्यसंधानं (नपुं०) मदिरा बनाना, शराब निर्माण करना। मद्याङ्ग (नपुं०) गुड़ पीठी। (वीरो० १९/२५) मद्रः (पुं०) मद्रदेश। ०एक देश विशेष का नाम। मद्रकः (पुं०) [मद्र+कन्] मद्र देश का शासक। मद्रका (स्त्री०) एक मद्र जाति। मदूपता (वि.) मेरे समान। (जयो०१० २३/७४) मधव्यः (पुं०) [मधु। यत्] वैशाख मास। मधु (वि०) [मन्यत इतिमधु मन्+ड नस्य धः] मधुर, सुखद,
श्रेष्ठ, अच्छा, उत्तम।
आनन्द युक्त, रुचिकर। मधु (नपुं०) ०मधुमास, वसंत। (जयो०६/१०१)
शहद, पुष्परस, आसव। (सुद० ३/२३) ०भ्रमर, भौंरा। (सुद० १/३३) ०क्षौद्र (जयो०७० ३/१३) माक्षिकं भक्षिकाव्रातघातोत्थितं तत्कुल-क्लेदसम्भार-धारान्वितम्। पीडयित्वाऽप्यकारूण्यमानीयते सांशिभिर्वशिभि, किन्नु तत्पीयते।। (जयो० २/१३०) मीठा, मादक, पेय पदार्थ। शक्कर, मिठास, महुआ। मधुनाम्नैव धुना धातुना कृत। (जयो० १७/७८)
०मधु वासक राक्षस। (वीरो०६/१२) मधुकः (पुं०) [मधु+कन्] मधूक वृक्ष, महुआ।
०अशोक वृक्षा मधुकं (नपुं०) शहद। मद्यं च मांसं मधुकं क भक्षेत्। (वीरो०
१४/४२) जस्ता, मुलैठी।
मधुकण्ठः (पुं०) कोयल। मधुकरः (पुं०) भ्रमर, अलि। भौंरा।
प्रेमी, कामुक। (जयो० २५/२५) मधुकरराव: (पुं०) अलिशब्द, भ्रमर गुनगुन। मधुकराणामलीनां
रावैः शब्दैर्निपूरितम्। (जयो०वृ० १०/११३) मधुकर्कटी (स्त्री०) मीठा नींबू, चकोतरा। मधुकाननं (नपुं०) मधु उपवन, मधुमक्खियों का छत्ता। मधुकारः (पुं०) मधुमक्खी । मधुकारिन् (पुं०) मधुमक्खी, शहद की मक्खी। मधुकोशः (पुं०) शहद का छत्ता। मधुक्षीरः (पुं०) ताड़ी वृक्ष, खजूर का पेड़। मधुन् (नपुं०) मदिरा। (जयो० १५/१४) मधुगायनः (पुं०) कोयल। मधुग्रहः (पुं०) मधु का तर्पण। मधुघोषः (पुं०) कोयल। मधुच्छत्रं (नपुं०) शहद का छत्ता। (जयो० १५/५५) मधुज (नपुं०) मोम, मदिरा। (समु० ८/१२) मधुजा (स्त्री०) मिसरी, मीठा।
पृथ्वी, भूमि। मधुजम्बीरः (पुं०) मीठा नींबू। मधुजितः (पुं०) कृष्ण। मधुदा (स्त्री०) मधुरा। (जयो० ६/१३०) मधुनः (पुं०) भ्रमर, भौंरा। (सुद० १/३३) (जयो० २/१५१)
(सम्य० ६/५) मधुपतिः (पुं०) भ्रमर, भौंरा। (सुद० १/३३) मधुपान करने वाला। मधुपानं (नपुं०) मद्यपान। (जयो० ८/१००) मधुपुरी (स्त्री०) मथुरा नगरी। मधुपुष्प (नपुं०) अशोक वक्ष, मौलसिरी वृक्ष, दन्ती वृक्ष। मधुप्रणयः (पुं०) नशे का प्रेमी। मधुप्रमेहः (पुं०) शर्करा का रोग। मधुमेहरोग, मूत्र रोग। मधुफलं (नपुं०) नारिकेल। मधभृतचषकः (पुं०) पानकपात्र। (जयो० १६/२९) मधुमक्षः (पुं०) मधुमक्खी । मधुमज्जन् (पुं०) अखरोट का वृक्ष। मधुमल्लि (स्त्री०) मालती लता। मधुमाधवी (स्त्री०) वसंत ऋतु का पुष्प। मधुमारकः (पुं०) भ्रमर, भौंरा। मधुमेहः (पुं०) शर्करा रोग, मूत्रमार्ग का रोग। (जयो० १८/२२)
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