Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

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Page 426
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra मालिन् मालिन् (नपुं०) फूलमाली। मालिनी (स्त्री०) माली की पत्नी । ० एक छन्द नाम। मालिन्य (वि०) मलिनता (जयो० २३/४१) ० श्यामतत्व, हीनत्व। (वीरो० २/४० ) ० अपवित्रता, दूषण, प्रदूषण ०कालिमा, कालिखा ०पापपूर्ण भाव, कष्ट दुःख। मालुः (स्त्री०) एक लता, नागलता। मालुधानः (पुं०) एक सर्प विशेष । मालुदल (नपुं०) नागवल्ली, ताम्बू (जयो० १० / ६३ ) मृदुमालुदल भ्रमान्मुखे दधति केलिकुशेशयं (जयो० १०/६३) तु खे । मालूर: (पुं०) बेलवृक्ष । ० कपित्थ तरु | मालेया (स्त्री०) बड़ी इलायची । मालोपमा ( स्त्री०) उपमा का एक भेद वाणीव याऽऽसीत्परमार्थदात्री कलेव चानन्दविधा विधात्री । वितर्कणावत्परमोहपात्री मालेव सत्कौतुकपूर्णगात्री ।। (वीरो० ३/१८) माल्य (वि०) माला से सम्बंधित । माल्यं (नपुं०) माला, हार। (जयो० १४/८२) (वीरो० ४/४५) गजरा, कण्ठहार, गले का हार । ० पुष्प, फूल। माल्यजीषकः (पुं०) मालाकार, माली, फूलमाली । माल्यपुष्प: (पुं०) पटसन। माल्यवत् (वि०) माला से सुशोभित। माल्लवी (स्त्री०) कुश्ती। www.kobatirth.org माष: (पुं०) उड़द ०सौल, सोने के सौने का माशा (जयो० २/३२) माषकः देखो ऊपर। माषिक (वि०) एक माशे का मासः (पुं०) महिना, माह। (जयो० ५/८३) मासं (नपुं०) दो पक्ष दो पक्षों मासो ०तीस दिणा मासो- तीस दिन का माह। त्रिंशद् दिनानि अहोरात्रा एकोमासः । मासक: (पुं०) मास, महीना। मासकालिक (वि०) मासिक समय ८४१ मासजात (वि०) एक माह का होने वाला। मासज्ञः (पुं०) जलकुक्कट । मासरः (पुं०) मांड। मासप्रवेशः (पुं०) महिने का आरम्भ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मासिक (वि०) महिने से सम्बंधित मासिकं (नपुं०) माह । मासिक वृत्तपारणा (स्त्री०) महिने की पारणा (समु० ४ / ३४) मासीन (वि०) मासिक । मासुरी (स्त्री०) दाढ़ी | मासोपवासः (पुं०) मास पर्यंत उपवास । ( भक्ति० १० ) माहाकुल (वि०) उत्तम कुल बाला । माहाजनिक (वि०) महाजनोचित, बड़े आदमी के योग्य । माहात्मिक (वि०) उत्तम, महानुभाव यशस्वी । माहात्म्यं (नपुं०) उदारता, महानुभावता, ऐश्वर्य, महिमा। ० विशिष्ट गुण (दयो० ३०) माहाराजिक (वि०) राजकीय, राज्योचित । माहुरः (पुं०) महावर (जयो०वृ० १४/५८) ० रक्तावर । ०लालिमा । माहेन्द्रः (पुं०) महेन्द्र देव । माहेन्दी (स्त्री०) ०गाय, ०इन्द्राणी मिताक्षर | माहेश्वर: (पुं०) महेश्वर का पूजक, शिवभक्त । मि (सक०) फेंकना, डालना (सुद० ९६ ) ० निर्माण करना, खड़ा करना। ० मापना। ० स्थापित करना। मिच्छ् (अक०) बाधा डालना, विघ्न उपस्थित करना । मित (भू०क०कु०) सीमित, परिमित मर्यादित । ०गत गया हुआ (जयो० ३ / १०३) ०मापा हुआ, नपा तुला। ० स्वल्प, थोड़ा। ० परीक्षित, जांचा गया। मितड्रम (वि०) धीरे धीरे चलने वाला मितङ्गम: (पुं०) हस्ति, हाथी । मितभाषिन् (वि०) कम बोने वाला। मितव्ययी (वि०) हितैषी । मिताक्षर (वि०) स्वल्पाक्ष ० प्रमाण साक्ष्य | ●माप तोल । For Private and Personal Use Only

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