Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

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Page 425
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मार्तिक ८४० मालिन् मार्तिक (वि०) मिट्टी से निर्मित। मार्तिकः (पुं०) मर्तवान, घड़ा। मार्तिकं (नपुं०) मिट्टी का लौंदा। मार्त्य (वि०) मरणशीलता। मार्दङ्गः (पुं०) नगर, कस्बा। मार्दङ्गिकः (पुं०) ढोलकिया, मृदंग वादक। मार्दवं (नपुं०) मृदुता, ०मानोदयनिरोध। मृदो वं मार्दवम् नम्रतापूर्ण सुकोमलभाव। (सुद० १३६) मृदु प्रवृत्ति, नम्रभाव। माननिग्रह। कोमल (जयो० ११/९२) मृदिम। (जयो० ११/९६) ०कोमलता, कृपाभाव, उदारता। मार्दवायेत (वि०) कोमलतायुक्त। (जयो० २८/३५) माद्वीर्क (नपुं०) शराब, अंगूर रस। मार्मिक (वि०) अंत:करण को छु जाने वाली, गहरी, गम्भीर, रहस्यपूर्ण। मार्षः (पुं०) नाटक का पात्र। माष्टिः (स्त्री०) मांजना, स्वच्छ करना, प्रमार्जन करना, साफ करना। निर्मल करना। मालः (पुं०) पहाड़ी जाति। मालं (नपुं०) भूमि, मैदान। धोखा, छल-कपट। मालकः (पुं०) नीम का पेड़। नारिकेल का पात्र, कमण्डलु। मालकं (नपुं०) माला। मालचक्रकं (नपुं०) कूल्हे का जोड़। मालतिः (स्त्री०) चमेली, मालती पुष्प। कन्या, तरुणी। ०रात्रि। चांदनी। मालतिक्षारकः (पुं०) सुहागा। मालतिपत्रिका (स्त्री०) जायफल का छिल्का। मालतिफलं (नपुं०) जायफल। मालतिमाला (स्त्री०) चमेली के फूलों की माला। मालती (स्त्री०) मालती पुष्प, चमेली का फूल। (जयो० ३/२५, वीरो० १३/४) शाकविशेष। ०अग्निशिखाशाक। मरिचलवणशाक। (जयो० १२/१३०) मालय (वि०) मलय पर्वत आने वाला। मालयः (पुं०) मलय चंदन। मालला (स्त्री०) कदम्बराज कीर्तिदेव की रानी। (वीरो०१५/४२) मालवः (पुं०) मालन देश, मध्यभारत का एक हिस्सा, मध्यप्रदेश का स्थान। रतलाम, इन्दौर, उज्जैन, देवासदि का स्थान। मालवपतिः (पुं०) मालव नरेश। (जयो० ६/९२) मालवरिष्ठ (वि०) मालवा के लोगों में श्रेष्ठ। मालेषु जनेषु वरिष्ठः श्रेष्ठः। (जयो० ६/९२) मालवा (स्त्री०) राग विशेष। माला (स्त्री०) ऋग्, गजरा, माला, हार, सज। (जयो० ३/६९, (सुद० २/९) रेखा, पंक्ति, श्रेणी। लड़ी, कण्ठहार। लकीर, लहर, रेखा। जंजीर। झुरमुट, समूह, समुच्चय। मालाकरः (पुं०) माली। मालाकारः (पुं०) ०माली, पुष्पमालक। मालाक्षेपणं (नपुं०) माला पहनाना। नि:संकोचतया मालाक्षेपणपाणिग्रहणादि भूत्वा। (जयो०वृ० ११/५१) मालाक्षेपात्मक (वि०) स्वयंवर सभा में माला डालने का कार्य। (जयो० १७/१२) मालातृणं (नपुं०) एक प्रकार का सुगन्धित घास। मालादीपकं (नपुं०) दीपक अलंकार का एक भेद। 'मालादीपकमाद्यं चेद्यथोत्तर गुणावहम्' (काव्यप्रकाश १०) मालावती (स्त्री०) दामिनी। (जयो०वृ० १७/१०७) मालिः (पुं०) मालाकार। (जयो० ४/४२) मालिकः (पुं०) मालाकार, माली। ०वनपाल। (जयो० १/७८) रंगरेज, रंग करने वाला। मालिका (स्त्री०) माला। (सम्य० ५३) रेखा, पंक्ति, लड़ी। कण्ठहार। चमेली पुष्प। बेटी। ०अलसी। ०महल। मादप पेय। मालिन् (वि०) मालाधारक, हारों से सुशोभित। For Private and Personal Use Only

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