Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Author(s): Udaychandra Jain
Publisher: New Bharatiya Book Corporation

View full book text
Previous | Next

Page 414
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महामना ८२९ महाशुक्तिः महालक्ष्मी (स्त्री०) महालक्ष्मी। महालिंग (नपुं०) शिव लिंग। महालोलः (पुं०) काक, कौवा। महावनं (नपुं०) विशाल जंगल, विंध्याचल पर्वत। महावनीश्वरी (स्त्री०) पटरानी। (सुद० ८४) कपिलाऽऽहाव नीश्वरीम्। महावाक्यं (नपुं०) विशेष साहित्य, रचना, अतिशय विशिष्ट अर्थ वाले वाक्य-महाकाव्य, महापुराण। महावातः (पुं०) झंझावात, आंधी। महावार्तिकं (नपुं०) महाभाष्य, किसी ग्रंथ या सूत्र पर बृहट्टीका। महाविकाशिन् (वि०) अत्यंत विस्तृत होने वाला। (जयो०१/४२) महाविदेहः (पुं०) एक क्षेत्र विशेष। महावीरः (पुं०) बलशाली, शक्तिसम्पन्न, महाविक्रान्त। अन्तिम तीर्थंकर महावीर। महावीरप्रभु (पुं०) महावीर स्वामी। (सुद० १/४५) जिन्हें जिनशासन में वर्धमान, वीर, अतिवीर, सन्मति भी कहते महामना (वि०) विद्वान्, चतुर निपुण। (सुद० ४/२५) महामनस्विन्। (सुद० ३/३६) महामन्त्रं (नपुं०) नवकार मन्त्र, पञ्च परमेष्ठिमंत्र, जैनधर्म में प्रचलित अनादि मूल मन्त्र। णमो अरहताणं, णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं। णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्वसाहूण।। ० श्रेष्ठ मन्त्र १० उत्तम मन्त्र। महामन्त्रिन् (पुं०) प्रधानमंत्री। महामहिमा (स्त्री०) उदार महिमा, उत्कृष्ट महिमा। महामहिमोदयपात्री (वि०) महान् महिमा के उदय का पात्र ___ होने वाली। महामहोपाध्यायः (पुं०) महापण्डित। महामांसं (नपुं०) विपुल मांस। महामात्रः (पुं०) राज्याधिकारी। प्रमुख-राज्य अधिकारी। महामाया (स्त्री०) सांसारिक अविद्या। ०अधिक छल-कपट। महामारी (स्त्री०) हैजा, संक्रामक रोग। महामुखः (पुं०) मगरमच्छ। महामुनि (पुं०) ज्ञानी मुनि, तपस्वी मुनि, ध्यानी मुनि। (दयो० २/१८) महामूल्य (वि०) अधिक मूल्य। ०वस्तु का अधिक मूल्य। महाभृगः (पुं०) हस्ति, हाथी। महामेदः (पुं०) मूंगे का पेड़। महामोहः (पुं०) अति लुभावना, अत्यधिक आकर्षक। महायज्ञः (पुं०) विशिष्ट यज्ञ। महायात्रा (स्त्री०) महाप्रयाण। महारजतं (नपुं०) स्वर्ण। ०धतूरा। महारजनं (नपुं०) बहुमूल्य रत्न। महारथः (पुं०) विशाल रथ, बड़ा रथ। महारस (वि०) रस पूर्ण। महारसः (पुं०) गन्ना, ईख, इक्षु। पारा। ०बहुमूल्य धातु। महाराजन् (पुं०) प्रभु, स्वामी, राजा, चक्रवर्ती। (सुद० १/४५) रायाण जो सहस्सं पालइ सो होदि महाराजो (ति०प० १/४५) जनतां सततं प्रयालयस्तु महाराज इतो भवान् स्वयम्। सहस्रराजस्वामीमहाराजः (दयो० १०६) महाराज्ञी (स्त्री०) पटरानी। (सुद०८५) भवत्यस्ति महाराज्ञी ___ यत्किञ्चिद्वक्तुमर्हति। महारात्रि (स्त्री०) प्रलय काल। महावेग (वि०) विशाल वेग, बहुत तेज। महाव्याधिः (स्त्री०) भयानक रोग। महाव्रतं (नपुं०) पञ्च महाव्रत, जैन श्रमणों द्वारा अंगीकार किए जाने वाले अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह व्रत, जिसमें सम्पूर्ण अंश के त्याग को महत्त्व दिया जाता है। (भक्ति० ९) साहति जं महत्थं आचारिदाणी य जं महल्लेहि। जं च महल्लाणि तदो महव्वयाइं भवे ताई।। (मूला० ५/९९) 'सर्वतो विरति म मुनियोग्यं महाव्रतम्' जो महान् अर्थ को/मोक्ष को सिद्ध करते हैं। महाव्रतिन् (पुं०) महाव्रती, श्रमण, मुनि। महाश्रावकः (पुं०) व्रतपालक श्रावक, अणुव्रत धारक श्रावक। महाशब्द (वि.) उच्च ध्वनि। महाशय (वि०) महाभाग्य, सौभाग्यशाली। महाजन, सज्जन। (सम्य० ७४) महानुभाव। (सुद० २/२०) ०आर्य। (जयो०वृ० १/२६) उदारचेता। (जयो० ३/९४) महान् आशय वाला, उत्तम आशय युक्त। (जयो० १३/४४) दृष्ट्वाऽवाचि महाशयासि किमिहाऽऽगत्य स्थितः किं तया। (सुद० ९८) महाशक्तिः (स्त्री०) मोती युक्त सीपी। (समु०५/१५) For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450