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प्राहः
७४३
प्रिया
प्राहः (पु०) [प्रकर्षण आहशब्दो यत्र] नृत्यकला की शिक्षा।
अभिनय कला का ज्ञान। प्राह्वः (पुं०) दोपहर के पहले का समय। प्रारूंतन (वि०) [प्राल+टयु] मध्याह्न से पूर्व होने वाला,
मध्याह्न पूर्व सम्बंधी। प्राह्णेतराम् (अव्य०) [प्राह्न+तरप्] प्रभातकाल, प्रातःकाल, सुबह। प्रिय (वि०) [प्री+क] प्यारा, इष्ट, अनुकूल।
यथेष्ठ। (सुद० २/२२) रमणीय, सुन्दर। स्निग्ध। (जयो० २/१४७) सुहावना, रुचिकर।
अनुरक्त, चाहने वाला, भक्त। स्वरूचिविषयीकृत वस्तु प्रियम्' प्रियः (पुं०) [प्री+क] प्रेमी पति। प्रियंवद (वि०) प्रियं वदति [प्रिय+वद्+खच्] ०इष्ट कथन।
रुचिकर विचार। प्रियकः (पुं०) हिरण की जाति, केसर, नीपवृक्ष, पियंगुलता। प्रियकर (वि०) सुखद, इष्टकर। प्रियकर्मन् (वि०) मित्रतापूर्ण कार्य करने वाला। प्रियकलत्रः (पुं०) प्रियपति।
अधिक चाहने वाला पति। प्रियकाम (वि०) इष्टकार्य, उचित काम, योग्य कार्य। प्रियकार (वि०) इष्ट कार्य करने वाला। प्रियकारिन् (वि०) इष्ट करने वाला, अच्छा करने वाला। प्रियकारिणी (स्त्री०) सिद्धार्थ प्रिया, वर्धमान की माता,
त्रिसला का अपर नाम। (वीरो० ३/१५) ०अतिवेग राजा की प्रिया। रानी प्रियकारिणी। पृथिवी तिलक के राजा की रानी। 'सौंदर्यशाखाप्रियकारिणीति'
(समु० ६/२५) प्रियकृत् (पुं०) मित्र, हितैषी। प्रियचारुकारी (वि०) प्रिय की मनोहर क्रिया। (जयो० १३/२१) प्रियङ्ग (स्त्री०) [प्रिय+गम्- कु] एक लता। महाकच्छ के
राजा की पुत्री। (समु० २/१३) प्रियजनः (पुं०) प्रिय व्यक्ति। प्रियजानिः (पुं०) पति, प्रेमी। प्रियतर (वि०) [प्रिय+तरप्] अधिक प्रिय, अधिक प्यारा। प्रियता (स्त्री०) [प्रियातल्+टाप] प्यार, प्रेम, स्नेह, प्यारा। प्रियतोषणः (पुं०) रतिबन्ध, मैथुन की एक क्रिया। प्रियदर्श (वि०) देखने में सुंदर, दर्शनीय. लुभावना।
प्रियदर्शनः (पुं०) सम्राट अशोक के लिए प्रयुक्त विशेषण। प्रियदर्शिन् (पुं०) सम्राट अशोक का विशेषण। प्रियदेवन (वि०) जूआं खेलने का शौकीन। प्रियपुत्रः (पुं०) इष्ट पुत्र, सुपुत्र। एक पक्षी विशेष। प्रियपुरुषः (पुं०) पति, प्रेमी। प्रियप्रासादः (पुं०) उत्तम प्रासाद, अच्छा राजभवन। प्रियप्राय (वि०) अत्यन्त कृपालु। प्रियप्रायण (नपुं०) बहुत ही रोचक। प्रियप्रेप्सु (वि०) अभीष्ट की इच्छा करने वाला। प्रियभावः (पुं०) इष्ट भाव, उचित परिणाम। प्रियभावना (स्त्री०) श्रेष्ठ विचार, उत्तम भावना। प्रियभाषणं (नपुं०) इष्ट कथन, रुचिकर शब्द, विचारपूर्ण
प्रस्तुति। प्रियभाषिन् (वि०) मधुरभाषी। प्रियमण्डन (वि०) अलंकरण प्रिय, आभूषण का इच्छुक। प्रियमधु (वि०) मद्य का प्रेमी। शराब का कामी। प्रियमित्रः (पुं०) पुष्कल देश के पुण्डरीकिणी नगरी के राजा
सुमित्र और रानी सुव्रता का पुत्र। महावीर शासन का एक कुमार। (वीरो० ११/३३) श्री पुण्डरीकिण्यथ पूः सुभागी, सुमित्रराजा सुव्रताऽस्य राज्ञी। भूत्वा कुमारः प्रियमित्रनामा
तयारह निस्तुलरूपधामा।। (वीरो० ११/३४) प्रियमित्रं (नपुं०) सुख-दुःख में सहभागी सखा, मित्र, इष्टमित्र। प्रियम्भावुक (वि०) स्नेह का पात्र। प्रियरण (वि०) शूरवीर, रणवीर। प्रियवचन (वि०) इष्टवचन, कृपापूर्णशब्द। प्रियवचनं (नपुं०) कृपा युक्त, सत्यवचन। जिस वचन के
सुनने से प्रसन्नता का अनुभव हो। प्रियवयस्यः (पुं०) प्रियमित्र। प्रियवाच् (वि०) प्रिय वाणी बोलने वाला। प्रियवादिन् (वि०) मधुरवाची। प्रियश्रवस् (पुं०) कृष्ण। प्रियसंगमः (पुं०) पति संगम। (जयो० १६/५६१) प्रियसुखः (पुं०) प्रियमित्र। प्रियसंदेश: (पुं०) उचित सूचना। प्रियसमागमः (पुं०) प्रिय व्यक्ति से मिलन। प्रियसहचरी (स्त्री०) प्रिय भार्या, प्रियतमा, पत्नी, अर्धांगिनी। प्रियसुहृद् (पुं०) प्राणप्रियमित्र। प्रिया (स्त्री०) पत्नी, प्रेमी, स्वामिनी। (जयो० १/७३)
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