________________
५४ ]
भगवान पार्श्वनाथ |
नियमानुसार ऐसी ही रानियां होती हैं।' इसी समय के प्रसिद्ध राजा कुमारका पहला विवाह एक वेश्याकी पुत्रियोंसे हुवा था । अस्तु; जैन शास्त्रोंके इन उदाहरणोंसे भगवान पार्श्वनाथके जन्मकालमें जो सामाजिक उदारता इस भारत भूपर फैल रही थी और जो यहांपर विवाह करनेकी स्वतंत्रता थी, वह स्पष्ट प्रकट है हत्भाग्य से आज हम अपने प्राचीन पुरुषोंके जीवनचरित्रोंसे अनभिज्ञ होकर अपने इतरवर्णी भाइयोंको मनुष्य ही नहीं समझते हैं । हमारा सामाजिक जीवन बिल्कुल हेय और निकम्मा होगया है । पर भगवान पार्श्वनाथ के समय यह बात नहीं थी; यद्यपि उस समय भी विप्रोंको अपने ब्राह्मणपनेका झूठा अभिमान था और अन्य लोगों के धार्मिक अधिकार झंझट में पड़े हुये थे; जिनकी रक्षा करने को ही मानो भगवान पार्श्वनाथका जन्म हुआ था ।
इस प्रकार उस समयके एक तरहसे उदार सामाजिक जगतमें लोग अपने जीवन यापन कर रहे थे; परन्तु उनकी आत्मायें धार्मिक वातावरणके अप्राकृत रूपसे छटपटा रहीं थीं । उनको उस समयके धार्मिक नियमों और मान्यताओंसे बहुत कम संतोष मिलता था, जिस कारण प्रायः नए२ मंतव्य प्रगट होते जाते थे, जैसे कि हम अगाड़ी देखेंगे । सामाजिक जीवनके मुख्य अंग विवाह प्रणाoth foयम उदार और आदर्श होनेपर भी लोगों को ऊंच नीचका भेद अखर रहा था । वे विप्रोंके हाथके कठपुतले बना रहना ठीक नहीं समझते थे और स्वयं ही अपनी धार्मिक जिज्ञासाकी पूर्ति करनेके लिये शास्त्रों का पठन पाठन करना और धार्मिक सिद्धांतों पर
•
१. पार्श्वपुराण पृ० २७ । २. नागकुमार चरित्र पृ० १९ ।