Book Title: Bhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan
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Lord Mahavir Hindi-English Jain Dictionary
क्षेत्रपूजा - Kserrupuja.
Warshipping of holy places.
き
तीर्थकरों के गर्म, अन्य आदि पंच कल्याणक जहां जड़ा हुए। उन स्थानों की विधिपूर्वक पूजा करना ।
क्षेत्र प्रत्याख्यान
Ksetra Pratyākchyand.
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क्षेत्रप्रमाण
Ksrtrupramāna.
Existing areas.
क्षेत्र प्रमाण दो प्रकार का है: संख्यात, असंख्यात अनंत प्रदेश वाले पुद्गल द्रव्य को अवगाम देने की अपेक्षा अवगाह क्षेत्र. दूसरा पाद, वितस्त प्रमाणांगुल आदि की अपेक्षा विभाग निभ् क्षेत्र । क्षेत्रप्रयोग Ksetraprayoga.
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Area ronunciation
अयोग्य, सयम की हानि संक्लेश परिणामों को उत्पन्न करने क्षेत्रविपाकी कर्म Ksetrovipikt Karat. वाले क्षेत्र के त्याग करने का संकल्प कला ।
Ksetra Pradesa.
क्षेत्र प्रदेश Locations, Pointing places
विशेष स्थान ।
Method of application of area. क्षेत्र के उपयोग संबंधी तरीका |
क्षेत्रफल - Ksetraphala.
Area.
क्षेत्र का मापन |
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क्षेत्रभवाननुगामी - Ksetrabhavanamugāmi. A type of clairvoyance (Avadhigvan ). अनुगामी अवधिज्ञान के 3 भेदों में एक उभयानुगामी जो ज्ञान अवि के साथ अन्य क्षेत्र और अन्य भय में नहीं जाता।
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क्षेत्रभवानुगामी - Ksesrabhavānagāmī. A type of clairvoyance (Aadhigyan). अवधिज्ञान, जो भरत ऐरावत और विदेह आदि क्षेत्रों में तथा देय, नाक, मनुष्य और तिबंध भव में भी साथ जाता है। क्षेत्रमंगल
Kşetramangala.
Auspicious areas.
दीक्षा केवलज्ञानोत्पति क्षेत्र एवं लोकपूरणसमुद्धात द्वारा पूरि अभी लोक के प्रदेश क्षेत्र मंगल कहलाते हैं 1
क्षेत्रमिति - Kpetramniti.
Mensuration. गवत का एक विभाग |
क्षेत्रयुति - Kperrayuzi.
Combination of areas.
मिलना जीवादियों का नरकादि क्षेत्रों के साथ मिलना। क्षेत्रलोक - Kretraloka.
Universe (infinite area).
आया अलोकाकाश): यह सान्देशी है एवं ऊपर से नीचे सरि फैला हुआ है इसलिए क्षेत्र लोक कहलाता है। क्षेत्र वर्गणा - Kpetra Vargand
वर्गणाए ।
Aravaniform (Karmic aggregates). एक प्रदेशों अनाम से लेकर कुछ कम एनलोक तक सब
क्षेत्रवान
Asetravana.
One possessing character of occupancy like sky (in all 6 matters)
आकाश द्रव्य क्योंकि उसका अवगाहन लक्षण कहा गया है शेष 5 दव्य क्षेत्रवान नहीं है ।
क्षेत्रस्पर्शन
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The karma causing the same appearance in transmigratory phase Vigrahgoti) also. जिस कर्म के उदय से जीव के आकार विगतपति में भूर्वपर्याय जैरा बना रहता है।
क्षेत्रविपाकी कर्म प्रकृति -
Kserra Vipäki Karma Prakṛti The kurmur nature causing same appearance In transmigratory phase (Vigrabgaris also treg. all beings)
नरक, तिर्यंच, देव, मनुष्य गत्यानुपूर्वी ये 4 प्रकृतिया इनका उदय विग्रहगति में ही होता है।
क्षेत्रवृद्धि अतिज़ार - Kserravpddhy Aririra. Unwarranted behaviour of encroachment. दिव्रत का अतिचार की गई क्षेत्र की मर्यादा में एक तरफ बढ़ा लेना, दूसरी तरफ घटा देना।
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यक्षेत्र शुद्धि Ksetrnśuddhi. Purity of area
चारों दिशाओं में 28 धनुष प्रमाण क्षेत्र में दिखा, मूत्र, एड्डी, केश, नस्त्र, कपड़े आदि के अभय को क्षेत्र शुद्धि कहते हैं। क्षेत्रसंयोग पद Ksetrusariyoga Pada. Name or title related to particular regions. माथुर, बालथ, दाक्षिणात्य और औदीध्य इत्यादि क्षेत्रोपद नान है।
क्षेत्रसंसार Ksetrusamsara.
Universe of living beings
स्वक्षेत्र व परक्षेत्र के भेद से क्षेत्रसंसार दो प्रकार का है; कमदय से छोटे बड़े शरीर में आत्मा का रहना स्वक्षेत्र एवं गर्भादि नौ प्रकार की योनियों के आधीन रहना परक्षेत्र संसार है। क्षेत्र सामायिक - Kpetra Samayika.
Equanimity - concentration of mind with non attachement of places.
सामायिक आत्म स्वरूप को रमणीय स्थान मानकर कोई भी ग्राम, नगरादि बाह्य स्थान को मनोश था अमनोज्ञ म मानना । क्षेत्ररलय - Ksetrastava.
Eulogical praising of reverential and holy places birthplace of Tirthankars (Jaina-Lords) alc.
सीर्थंकरों के गर्भ जन्म आदि कल्याणकों के द्वारा प्रविन हुए नगर, वन, पर्वत आदि का गुणगान करने को क्षेत्र स्तव कहते हैं। क्षेत्रस्पर्शन - Kpetrasparśana.
Touching of 5 maltars (drawas) with akya
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