Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 488
________________ Lord Hahawk Hindi-English Join Dictionary 437 यति सम्मेलन यक्षिणी - Yaksiai. यज्ञामित्र- Yuantra. Female domlgod Name of the 50th chiet disciple of Lord 24 वर्तमान स्थकर भगवंतों की शामन यक्षिणी क्रमश इस प्रकार Rishabhader है-1.सक्रेश्वरी देवी 2.रोहिनी देवी प्राप्ति देवी-चज खा लीवर कमदेव के 50वें गणधर का नाम । देषी 5. पुरूपदसा देवी 8. मनोयेगा देषी । काली देवी यज्ञवीक्षा विधान- Yojadikshvirthernet 8 ज्यालामालिनी वी 9. मलकाली देवी 10. नानाही देयी Putting on ornaments wllh chanting the sacred 11. गौरी देवी 12. गांधारी देवी 13 रोटी देदी 14 अनतयत Montein for worshipping. देवी 15 मानसी देवी 18 महमानी देवी 17 जया देदी अनुष्ठान पर्यन्त नियम विशेष का गलन करने एवं मंच सहित 18. विजया देवी 19 अपराजिता 29. मरूपिणी ऐनी आभूषणादि पकाने की विधि, जो पूजा-प्रतिष्ठा के समय की 21. चामुण्डी देवी 22 पूचनाण्डी देवी 23 पदलवतः देवी जाती है। 24 सिद्धयनी देवी। इन्हें जिनशासन देसी भी करते है। यज्ञदेव - Yajfiadevst, यक्षिला - Yaksilt. यज्ञदत - Yujrindatta. Name of the Chlef aruku (Garums) In the asser Name of the 48th & The 511h shlef disciples of bly of Lord Aranalh. Lord Rishabhadev. तीर्थकर अरमाप के संघ की 80 हजार आर्यिकाओं में गपिनी सीकर वषमदेव के क्रमशः 48वे एवं गणघरों के नाम । आयका । यज्ञोपवीत- Yatopavita. यक्षेश्वर -Yukelivara. Sacred thread (used for sanctifying or punficaName of the ruling deity of Lord Abhinandannath. tory rites). अपिनन्दनराश मानान के शासन देश-I FI ना ! एE K जवी परत ने 11 प्रतिमाओं के विभाग संहतो यक्षोत्तम-Yaksernance के चिन्ह स्वरूप एक से लेकर 11 तार के सूत्र बतियों को दिये A type of peripatetic delfies. थे, जनेऊ, रत्नत्य एवं सात परम स्थानों का सूछन । यक जाति के व्यंतर देवा का एक भेद । 7 तारो का सूत्र। सभी पूजन-दान आदि क्रियाओ में यज्ञोपवील यजन - Yajana. धारण करना अनिवार्य है। Warshipping.eulogy. यति - Yati Saints at the stage of higher pusterity. यजुर्वेद - Yajurveda जो इन्ट्रिय जय के द्वारा अपने एखात्म स्वरूप में प्रयत्नशील One of the four great & sacred Vedic scripturas. होता है। पदिक परम्परा के 4 वेदों में एक वेद का नाम । यतिधर्म- Yarittharma यश - Yajha. Observences of ascetic life. A secred Hlual Activity. Sacrificial rite or Fire मुनिधर्मः प्रारम्भ परिगह का त्यागकर 5 महाग्रत 5 समिति विशेष विधि सहित की जाने वाली एक धार्मिक क्रिया, देप और पति की यह गुप्तियों का पालन करना। ऋषियों की पूजा करना । स्यन, पूजा, सपर्या, इज्य, आम्बर, यतिपूजा - Yatipija.. मह आदि इसके अपरनाम है। Eulogical devotion for saints यझगुप्त - Yejirhagupta. शुभ परिणामों से गुरु की पूजन करना। Nate of the 48th chal disciple ol Lord यतिकर पृषभ - Pativara Vrabha. Rishabhdev. Those having supreme attrbulas of Lord सीकर ऋषभदेव के 4 गणघर का नाम । Arthent. कावीमा-Yajna Diksh. जो गणधर देव आदिमी श्रेष्ठ होते ति आत। Connecrational-Initiation; glyingparticular vows यतिवृषम-Yarivrrabha. to worshippers for particular time period of Name of a great Digambar Acharya who wrote Panch-Kalyanak, Vidhan etc to become Indras many books like 'Tiloy Pannanielc. by tha Prasistihadura. कषाय प्रामृत के पूर्णसूत्र, तिलोय पण्णति आटि के रचयिता एक पंचक्रम्याणक प्रतिष्ठा, इन्द्रध्वज विधान आदि इन्द्रो (यजनान) अचार्य, ये आयमा नागहन्ति के शिष्य (4. 103-173) के लिए बराई जाने वाली एक विशेष विधि: जिसमें हाथ में कंकण बांधकर पूजा पर्यन्त ग्रामचर्य व्रत, एकासन आदिमा यति सम्मेलन - Yati Sammelana. मियम कराया जाता है. आम विधि के पचात उन्हें सूतक-पातक Conference of salna. नहीं लगता। दिगप्पर जैन सभी साधुओं(चतुर्विध संघों) मा एक जगह एकत्रित होना, रिलना। प्रति माधवर्ष में गुनासिक्रमण के नाम से संध्ये

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