Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

View full book text
Previous | Next

Page 589
________________ सत् 538 अगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी अन शब्दकोश पिशाच जाति व्यतः के 14 भेदों ने एकमेव सत्ता ग्राहक शुद्धद्रव्यार्थिक नयसत् - Sar. Sastri Grilaren Sudetur Prayūrshita Nebyr. Truth, Reality. Existence, Essence A standpoint eniphasizing to the existence of पदार्थ का जन. सिद्ध अस्तित्व। या जन्पाद, व्यय और भी matters से युक्त द्रव्य। सत्ता, मत्व, सामान्य, अर्थ, जन्य उत्पाद और स्यय का गोण करक मन्च कापसे केवल विधि, नह ये सर्व प्रकार्थवाची शब्द । मन को प्रतण करता है। सत्कथा - Setinthi. सत्परिधाम - Sarpatrintime. Religlous tale. Auspicious temperaments or involvement जिनमें धमा तिशा नि:पणा होता है उसे सस्था नरत हैं.. इल्य का परिणामन । शुभ उपयोग कग जीव का परिणाम सत्कर्म - Sarkarna. अर्थात् माव । Good deeds, A composition composed by HEET - Sarpxirrid Acharya Virsen on Shatkhandagam treatise. Reverential persons (perfect to get donation). अब कर्म, आचार्य वीरमन (ई. 770-1275वारा रचित जिकपन दिया जाता है, से यत्पाड, पान, अपात्र कप पाकृत घटवण्डागय का अतिरिक्त अधिकार । तीन पत्रों में से एक मात्र के नीन भेद है.1. उत्तप सत्पात्रसत्कर्म पंजिका - Satkarma Pawinjika नग्न दिगम्बर सधु, . मध्यम सत्पाव-आर्यिका, सुल्तक. Name of a Sanskril composition. ऐलक तथा प्रतिगधारी श्राव, 3. अचय सत्पात्र व्रत रहित 1 827 पश्चात् लिखा गया संस्कन भावाबद्ध ग्रंथ। रग्यन्द्रष्टि श्रावक । इसके लेबक अज्ञात हैं । सत्पुरुष - Sulpuruse मत्कार - Sakira. Noble persons, A type of peripaleticdeltles. Respect, Reverence, Honour, Receplian महापूध, किरुष जाति के व्यंतर देवों के 10 एक आदर, समान, पिनय, पूजा-प्रशंसा । भंद। मस्कार पुरस्कार परिषा सतप्रतिषेध- Satpresiseathes. Satkära Puraskara Parisuha A type of false speech, to deny the existence of Affliction of dishonour to a falnt. Something existing. 77 परिवही में एक परिवह। सरकार का अर्थ पूजा-प्रशंसा है अस्लिाव पक्ष का निषेध करना। यह असत्य वचन का तथा पुरस्कार का अर्थ निमंचना है। चिरकाल से दीक्षित होता एक भेद है। भी आदर-मापार, प्रामा, आमंषण आदिन मिलने पर बो सत्य - Satys. माध पन को कालवित नहीं होने देता और समतापूर्वक अनादर Truth, Real, Genuine.Pure. को मान करता है। उसके यह परिवहजय होता है । विधमान अघिद्यपान पस्त का निरूपणा करने वाला प्राणी सत्कीर्ति - Satkiri हिती दयन, ये वयन 10 प्रकार के होते हैं। उत्तम क्षपादि 10 Good fame or repulation राम में एक धर्म । सत्य अणुव्रत - Satya Anuvrala. सन्क्रिया-Satkrisd. Vow of right & Ine speech. Right observancas, Virtuous activities हित मित प्रिय वचन, सबबीखों का संतोषकारक बचन या धर्म शुभ परिणाम प कार्य । मा प्रकाशन करने वाले वचन । सत्ता - Satta सत्यकिपुत्र - Suryakiputra. See - Sar. Name of the 11" Rudra. देखें - सत् । अस्तित्व को सत्ता कसने हैं । वर्तमान कालीन 11 वां रुद्र । सप्ता-गीण उत्पाद-व्यय ग्राहक नय - सत्यदत्त - Setryatara. Susta-Gaura Utpada-Vyaya Grdhaka Naya One of the 32 principles of modesty or cour A standpoint emphasizing the property of pro lesy, Name of the main listener in the assemduction & destruction of matters rather than their bly of Land Dharmnath permanence. एक धिनयवादी, विनयपादियों के 32 मैचों में एक अंद, पदार्थ में चिरामान गुणों की अपेक्षा को पख्य २ करके उत्पाद सीमकर धर्मनाथ का मुख्य श्रोता या प्रश्नकर्ता । स्यय प्रौव्य के माधौनपने 'रूप से द्रव्य को विनाश व उत्पत्ति सत्यदेव - Saryadeva, म्यकप पाननेवाला मत्तानिरपेक्ष या सत्ता-गौण उत्पाद व्यय Name of the 39 chlef disciple of Lord ग्राहक नय है। Rishabndev. भगवान ऋषभदेव के गणधर । सुयश ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653