Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 603
________________ सर्वानंत 552 भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी नशीदकोश सर्वात - Sarvinamitt. सर्वार्थसिद्धि यधनिका - All infinite Sarvarseitdi Vareka. अनत का एक भेद। आकश को धन पर देखने पर उसका Hindi translation work of'Sarvarthsiddhi Granth' अंत नहीं पाया जाता इसलिये उसे सर्वागत कहते हैं । written by l'anda Jayachandra Chhabra सर्वानशन -Surutrasana. पं. जयचंद्र बसा (६. 1809) कृत मर्यामिद्धि ग्रंथ की भावः बचनिका । A type of great auslenty pertaining to renunciation of food upto holy death सर्वार्थसिद्धि व्रत - Sarvanthesisttu Vretitt. अनश नप के दो पदों में एक भेद, गरण ममय में अर्थात A particular procedural vow (fasting). भन्यास काल में मुनि मनिशन वप करते हैं। तात्याख्यान, सप्तमी का एकाशना, 8-15 तक 8 उपवास और प्रतिपदा को इंगिनीमरण, प्रायोपगमनमरण अथवा अन्य भी अंने पारण. मोर सजाकर दी। के मन में जज परण पर्यंत आकार की याग वाला है, वरा विशेष विधि व्रत विधान संग्रह में दो । अनवभूतया सर्वानशन तप है । सविधि-Sarvivathi. सर्वानुकंपा - Sarinukampi. Complete clairvoyance Great feeling of compassion. अपविज्ञान के तीन भदों में एक भेद, पूर्ण अवधिशन । उनकंग के 3 घेदों में एक भेष्ठ दुखी प्राणियों को स्वस्य सर्वानशन - Sarvānasana. कामा. उनकी पीड़ा का उपशम करना यह सगनुकंपा है। A kind of austerlly (tagling) - Sarwiyudhur. अनशाप के दो पदों में एक-सभी प्रकार के भोजर का Sec. Sansartobhara. त्याग करना सर्वानशन है। परणकाल अर्थात् नमाधिकाल में देखें - सर्वात्मभूत । मुनि सर्वानशन तप करते हैं। prate - Sarvārtito ससिंख्यात - Survivornktyāta. The great grand father of Lord Mahavira, One Innumerable (uncountabla). of the 14 earth under Chery earth. पनलोक सर्वासात है क्योंकि प्रनरूप से लोक के देखने पर भगवान पहाधीर के बाबा, चित्रा दृषियी के नीचे बौदह अन्य प्रदेशों की गणना की अपेक्षा वे संख्यातीत है। पृथिवीपों में 12 वी प्रथिवी । सोपशम - Sarvepasurarur. सर्वार्थपुर - Survanthapura. Super subsidence (of Karmas). Name of a city in the north of Vijayurdh moun- पिण्याच आदि तीनों प्रकृतियों के उदयाभाव को सर्वोपशम lain कहते हैं। प्रथमोपशम सम्यक्त्व का लाप भी सोशमसे होता विजया की उत्तर प्रेणी का एक नगर । सर्वार्थसिना-Sanarthasidthd. सर्वोपशमन - Sarvopakanerut. A super power possessed by Vidyutars Nam. Subsidence of all 28 Karmic nature of delusion. Vinaml. मोहनीय कर्म की 28 प्रकृतियों का उदयाभाव करना! व्ह एक विद्या। परमकल्याण रूप, मंत्रों से परिष्कृत, विद्याबल से धर्पध्यान का फल है। बुन और मभी का हित करने वाली यह विद्या धरणेन्द्र ने नगि सावध ऋद्धि- Sarvestedhaddhi. और पिनामि विसाधर को दी थी। A type of supematural medicinal power of curसर्वार्थसिद्धि- Sarvarthasiddhi. ingane from disease. Oreof Ihe 5Anuttar Vinorr tspace crafts-tiwell- बिस ऋद्धि के प्रभाव से दुष्कर तप से युक्त भूनियों का स्पर्क किया ing place of Indras). Name of a pelanquln used हुआ जल, वायु. तथा उन के रोग द नखादिक व्याधि के हरने by Lord Shantinath. वाले हो जाते हैं। 5 अनुत्तर विमानों में एक इन्द्रक विपान, जहाँ जन्म लेने वाले सर्षप फल -Surgapa Phatra. अहमिन्द देव मनुष्य का एक भय धारण कर नियम से मोक्ष Mustard seeds, a unll of welghing प्राप्त करते हैं। एक पालकी. तीर्थकर शांतिनाथ इसी में बैठकर सरसों, दोल का क पपाण । संयष धारण करने महनाम बन गये थे। सल्ले खना - Satlekharrai सर्वार्थसिदिसशास्त्र)-Sarvārthasrdathissistrees. Procedura of physical monicallan for holy Name ol a great treatise written by Acara death (reg. saints). Pujyapad in Sanskrit language समाधि। अतिवम असाध्य रोगग्रस्त हो जाने पर अथवा आचार्य पूज्यपाद (ई.श) द्वारा बित तत्त्वार्थ सूत्र की विशद अप्रतिकार्य उपमर्ग आने पर पुर्भिक्ष आदि के होने पर माम्य संस्कृतभागावर टीका-ग्रंथ । भाव पूर्वक अंतरंग कार्यों का सम्यक् प्रकार से दपन करते हए, भोजन आदि का त्याग करके धीरे-धीरे शरीर को कश

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