Book Title: Bhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan
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Lord Mannyir Hindi-English Juin Dictionary 695
स्वोपकार स्वस: अनादिसिद्ध सत् (द्रव्य मे) परिंगमनशीलता के कारण 88 planets होने याली दो क्रियाओं में एक क्रिया । डाबंध रहित जीवन आध्यात्मिक व्याख्या के अनुसार अपमाहित में सलग्न रहने वाले पुद्गल ट्रष्य की क्रिया स्वाभार्दिक क्रिया है।
को स्वार्थी काहले खुद मनुथ्य जो अपना कार्य करने में ही स्वाभाविक दुख-Svabhivika Dukha.
सत्पर रहते हैं उन्हें स्यार्थी कहा गया है, जैसे गंध परोपकारी है Natural pain or troubles (according to Karmir
और बड़वानव स्वार्थी है। B ग्रहों में 53 घरह | nature).
स्वास्तिक-Swashke. दु:राके 4 दो में एक भेदा धादि से उत्पन्न होने माला दुख An auspicious emblem, Name of summll of स्वाभाविक दुख है।
Ruchal mountain स्वाभाविका विमान -Svibfhivika Vimun.
पक मंगल चिन्त (स्वस्तिक). रूपक पर्वतस्थ एक कूर, एक
जंगल चिन्त। Natural aboding places of heavenly deitles विमल के दो भेदों में एक - एक विक्रिया से उत्पन्न हए और स्वास्थ्य -Sresthya दूसरे ग्यभाव में। विक्रिया से जापन हए चिपान विनम्र होते है Asound state of body. health. साभाव से उत्पन्न हा विमान रम्य नित्य व अमिनश्वर होते है। आरोग्य, मानसिक शांति । साम्य, समाधि, योग, विवनिशेष, स्वाभाविक स्वभाव - Sviptiviko Svabhava.
गुहोपयोग, स्वास्थ्य 4 सब एकार्थयाधी है। Natural nature insunct (of Sidetus).
स्वाहा - vand. उपहरित स्वपाद का एक भेद। सिद्धो का पर को देखना व An exclamation used in the worshipping of जानना स्वाभाविका स्थभाय है।
Gad.
घूजा, मत्र, पन आदि में प्रयुक्त होने वाला शांतियाचया एक स्वाभाविक सक्ति-5vabhavika Sakti.
विशेष शब्द। Natural power or strength in the nature of
स्वेच्छा -Sveccha. matter. दप्य के यमायों में स्वापाविकी शति होती है। देखें-स्वाभाविक One's own wish arwill क्रिया।
अपनी इच्छा। स्वामित्व-Svaritva.
स्वेच्छाचारी-Svecchicari. Ownership, govemence.
One tree from any restraints, wiful, wayward. किसी वस्तु घर ग्यापीला अधिकारपना ।
अपनी इच्छा से आचरण करने वाला। स्वार्थ-5vartha.
स्वेदज - Surdaja. Spiritual upliftment of own soul.
Beings born by sweal परोपकार की अपेक्षा न करके स्व-अर्थ अर्थात् आत्मकल्याण पसीने से उत्पन्न होने वाले सप्न जान ।
स्वेवरा हिस्य - Evederatitya. स्वार्थ प्रमाण-ShirthaPramāna.
One of the 10 birth-excellences of Lord Arihant Authority (Pramur) of sell knowledge
(lo be devold of sweat). प्रयाण के दो भेदों में एक भेद, ज्ञानात्मक प्रपाण को स्वार्थ
अहत यावान के जन्म के 10 अतिसयों में प्रथम अतिक्षाप्रमाण कहते है। भुटामान को छोड़कर शेषमान स्वार्थ प्रमाण
पसीना नही आना। है, परन्तु श्रुतज्ञान स्वार्थ और परार्थ दोनों प्रकार का स्वोषयबंधी प्रकृति - Stodajyabarinthi Prakri. है।यचनात्मक प्रमाण परार्थ प्रमाज कहलाता है।
Kard natures causing binding with selfing स्वार्वाधिगम -Svārthādhigana.
स्वयं के उक्ष्य के साथ रंचने वाली प्रकृतियाँ। भानामरीकी Solf knowledgeable approach.
5. अंतराय की 5, दर्शनादरणी की चपर्शनावरप्पादि, नक्षत
शरीर, कामण शरीर, निर्माण, स्थिपयुगल, शुभलक्या अभिगम के दो पदों में एक पैद, यह आन स्वरूप जो प्रमाण और नय पदों वाला है।
वर्णधतुमा अगुल्लघु और मिथ्यात्वन 27 प्रतियवस्वान
सेबंध होता है। स्वार्यानुमान - Svarthanumāna.
स्वोपकार-Svopakara. Subjective inference caused by perception af some means).
Benevolence for seit. अनुमान के दो भेदों में एक भेद । परोपदेश के अभाव में भी केवल
उपकार के दो भेदों में एक पेद। अध्यारम मार्ग में स्वोपयार साधन मे साध्य को जानकर ओझान देखने वाले को उत्पनयो
अधात अपनी आत्मा का चपकार ठी पुष्टी परोपकार मही। जाता है उसे स्वार्थानुमान वाटत है। जैसे धर को देखकर अग्निका
अनुमान लगा लेना। स्वार्थी - Sarthi. Ono engrossed in all, Sawish ono, One of the