Book Title: Bhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan
View full book text
________________
1
I
Lord Mahavir Hindi-English Jain Dictionary
philosophy)
स्त्रीमुक्ति का आगम में निषेध है। पुरुष पती एवं नपुंसक तीनों हीलिंगों से मोक्ष सम्भव है लेकिन द्रव्य से केवल पुरुषवेद से ही गोत होता है।
स्त्रीवेद - Sirkveda.
Femininity (pertaining to sex)
जिसके उदय से जीव स्त्री सम्बन्धी भाय को प्राप्त होता है वह स्त्री पेद है, अथवा जिन कर्म स्कन्धों के उदय से पुरुष में आकांक्षा उत्पन्न होती है. उन कर्म स्कन्धों को 'वेद' यह मंजा है। अथवा जिसके उदय से पुरुष में रूपने के भाव हो वह स्त्रीवेद है।
581
स्त्रीवेद कर्म प्रकृति - Striveda Karm Prakrti.
Karmic nature causing sexual desire in woman. देखें स्त्रीयेद। जो कषाय का एक भेद जिसके उदय से पुरुष संयोग की चाह हो ।
स्त्री संसर्ग - Sri Sansarga.
Sexual intercoursa.
पुरुष का स्वी के साथ संयोग करना ।
स्थंडिल Sthammadila.
-
Sterilized [place etc.).
सूक्ष्म यों की आशंका से रहित प्रासुक स्थान आदि 1 स्थपति - Sthupari.
Architect, one of the 14 jewels of Chakravarti temperor).
भवन निर्माण कला में निपुण शसपुकार, चक्रवर्ती के 14 रत्नों में एक रत्न जो वास्तुविद्या का पारगामी होता है। स्थलगता चूलिका Sthalagata Caltka.
A great scriptural part of Drishtivad Anga (Draivado Amgu). दृष्टिवाद अंग के अन्तर्गत धुलिका के 5 भेदों में एक भेद। इसमें दो करोड़ 9 लाख 89 हजार दो सौ पद हैं। इसमें पृथिवी के भीतर गमन करने के कारणभूत मंत्र तंत्र और तपश्वरण ब वास्तुविद्या तथा भूमि सम्बन्धी अन्य शुभाशुभ लक्षणों का वर्णन किया गया है।
स्थविर कल्प - Sthavira Kalpa.
Code of conduct of a Jaina saint.
समस्त वस्त्र आदि परिग्रह का स्थाग करके दिगम्बर होगा। 13 प्रकार के भारिप व 28 मूलगुणों को धारण करना, हीन संघनन होमे के कारण नगर आदि में विहार करना, चारित्र भंग न हो ऐसे उपकरणों को रखना, शिष्यों का पालन करना यह सब होन संहनन वाले साधुओं के योग्य स्थविर कल्प हैं। स्थविर कल्पी - Sthavira Kalpi.
One observing asceticism under the guidance of senior Acharya (saint ).
जो साघु एकलविहारी नहीं हो सकते है एवं स्थविर कल्प में स्थिर रहते हैं ये स्थविर कल्पी कहलाते है। उप संहनन वाला, पस्थित विजयी, सिद्धान्त का ज्ञाता तपस्थी ही एकलविहारी अर्थात् जिनकरूपी होता है।
स्थविरवादी मत
Name of a Bauddha act.
एक बौद्ध सम्प्रदाय, यह 11 संघों विभक्त हुआ। इन शाखाओं का कोई विशेष उल्लेख अब नहीं मिलता है। स्थविर मुनि - Sthavira Man.
-
स्थापना
Sthavaravadi farea.
Senior saini guiding own saint. tradition चतुर्विंग पाँच आधारों (आचार्य, उपाध्याय, गणधर, प्रवर्तक और स्थावर) में एक. जो मुनि संघ में संध की राशि व प्राचीन परम्परा बताये स्थविर मुनि होते हैं ।
स्थान - Sthand.
Place, posilian
अगह। जिसमें संख्या अथवा जिस अवस्था विशेष में प्रकृतिथों है उसे स्थान कहते हैं। स्थान, स्थिति और अयस्थान तीनों एक है। अविभान प्रतिच्छेदों का सगृह वर्ग वर्ग का समूह वा वर्गश का समूह स्पर्धक, स्वयंक का समूह
और गुहा का सह स्थान है ।
स्थानकवासी - Sthanakavāsi.
Name of sectorumbon Ju
तव में यह अम्नाय जो पूर्ति नहीं पूजते हैं, जिनके साधु मुंह पर पट्टी रखते हैं।
स्थान लाभ क्रिया - Strina Labha Kriya.
-
An auspicious procedural activity of initiation of one as a Skravak.
दीक्षान्थय की 48 कियाओं में तीसरी क्रिया। इसमें किसी पवित्र स्थान में अष्टदल कमल अथवा समवशरण की रचना अरके उपवासी को प्रतिमा के सम्मुख बैठाकर आचार्य उसके मरसक का स्पर्श करता है और पंच नमस्कार मंत्र के उच्चारण के साथ उसे श्रावक की दीक्षा देता है।
स्थानांग Sthanänga.
A part of scriptural knowledge (thndshang Shrut).
द्वादश्रुतस्क का तीसरा अंग। इसमे 42000 पदों में जय के 10 स्थानों का वर्णन है।
स्थानांतर गमन - Sthānāntara Camana.
The activity of going from one place to another (by saints on getting obstacle al one food Jaking place)
एक स्थान से उठकर अन्य चले जाने योग्य अवसर, भोजन के स्थान पर यदि कीड़ा आदि तुच्छ जीव-जन्तु चलते फिरते नजर आ जायें या ऐसा ही कोई दूसरा निमित्त उपस्थित हो जन् तो संपनियों का वहाँ से कोई दूसरी जगह आहारार्थ मनपूर्वक चले जाना ।
स्थापना - Sthāpana.
Installation, establishment, postioning. representation
धारणा, स्थापना, कोष्ठा प्रतिष्ठा एकार्थपरची है। जिसके द्वारा निर्णीत से अर्थ स्थापित किया जाता है यह स्थापना है।