Book Title: Bhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan
View full book text
________________
Lord Mahavir Hindi-English Jaln Dictionary 547
सम्यग्दृष्टि रचना ।
'थम पेन्दः म-18 भारमि के प्रमोट करन। सम्यक् - Samyak
सम्यक् नय - Samyak Nava. Real, True, Right, Just.
A standpoint belleving in nighisousness सनीचीन, पाई।
मनम्। सम्यक एकांत को सभ्य नय और पिध्या एकांत को सम्यक्चारित्र - Samyukriritrn.
नयाभास या मिथ्याश्य कहते है। Right conduct-Involving Inta spiritual develop. सम्यगनेकांत - Samyuganekilmma. ment.
Right philosophy of manifold religious aspecs. भप्यग्दर्शन सहित शुभ क्रियाओं में प्रवृति, रागढूष को दूरकर यक्ति व आगम में अविरुद्ध एक ही स्थान पर प्रतिपक्षी दाय ममता माप में रमना। इसके महादत (सकलवाग्वि) व अणुव्रत अनेक धर्मों के स्वरूप का निरूपण करना सम्मानकान्त है। (देशचारित भेद है।
सप्यगेकांत - Smagekirire. सम्याय - Saryaktva,
Philosophy of believing a part of something with Right faith ar right beliel.
righteousness. ध्यान के द्वारा बने हुए तत्वों का प्रधान। देखे - सम्पदर्शना एकान के दा भेदों में एक भेद हेतु विशेष की शाम से सम्यक्त्तव उद्योतन - Samyakrvatidyorrena.
अर्थान मुयुक्तियुक्त रूप से प्रमाण द्वारा प्रपित वस्तु के एकदेश Right enlightenment.
को ग्रहण करने वाला सम्यागेकान्त है । सम्यक्तवाराधना। शंकाहिदा में रहिम निर्दोष मन्यादर्शन के सभ्यगवधिज्ञान - Sunyagavathijana. प्राप्ति न ।
Right clairvoyance HRTRICH - Samyaktakarmati.
जा शन द्राध्य क्षेत्र, काल और पाच की अपेक्षा अवधि अर्थात् Name of a treatise wnitten by charwa
सीमा संयुक्त अपने विषय भूत पदार्थ को सम्यक रुप से जाने, Shubhchandra.
उरो सम्यक अवधिशान कहते है। आचार्य शुभचन्द्र ई. 1516-1556) द्वारा रचित एक सम्याज्ञान - Sanayasinana. आध्यात्मिक प्रथ।
Right knowledge with right perception. सम्यक्त्तव क्रिया - Samyakva Krive.
ओ शान वस्त कपवरूप को न्यनता bre. अधिकता सहित. Worshipping the Jaina Lord, scriplures & saints
विपरीतता रहित. सन्देह रहित, सा का तैमा जानता है उसे साम्परायिक अस्त्रव की 25 क्रियाओं में पहली क्रिया। सच्चे सभ्यग्ज्ञान कहते हैं। अमवा वस्त स्वरूप को यथार्थ कप से देव शाख गुरु की पूजा- भक्ति आदि करग। इसमे मम्यत्तव की प्राप्ति और पुण्यवंध होना है।
सम्यग्ज्ञानचंद्रिका - Samyagjracandrikt. सम्यक्त्व पचीसीव्रत-SunylivaPacisi Vrata. Name of a great book written by Purcler A type of procedural vow (fasting)
Todarmal. सम्यक्त्व के पच्चीस म्ल दोषो मे रहित शर सम्यक्त्व की पं. टोडरमल की (ई. सन् 1781) कृत अध्यात्म विश्यक मंच। शप्ति हेत किया जाने वाला एक विशेष व्रत इसमें पच्चीस सम्यग्दर्शन - Samyadarsana उपवास किये जाते हैं। विशेष विधि 'व्रत तिथि निर्णय' पुस्तक Right perception ortallh
हिंसदि रहित धर्म - अठारह दोष हा देव · निर्गन्ध प्रवचन सम्यक्त्व प्रकृति - Samyakava Prakrti.
अर्थात् मोक्षमार्ग द गुरू में श्रद्धा होना अपात मोक्षापयोगी तत्त्वों A Kurmir nature causing obstacle in right falth के प्रति विकास करना सम्यग्दर्शन है। talih deluding Karma).
सम्यग्दर्शन वाक्-Samyagdarsana Vak. दर्शन मोह की तीसरी प्रकृति, जिसके उदय से सोपशम Rinh LAirtual Death एभ्यदर्शन में चल, मलिन, अगाद दोष उत्पन्न हों मर्यात् वयम के 12 अंदों में एक पदः सम्यक मार्गमकांक उपदेश निर्मल न रहे।
सम्यग्दर्शनवाक है। सम्यक्त्वाधरण -Satyakrvicarana.
साम्यग्दर्शनार्य - Samyagdarianarya. Righi falth with auspicious activities
A type of Aryas (noble persons). सच्चे देव, शासव गुरु की पूजा भक्ति आधि करना । ऋदि रहित आर्य के भेदो में एक भेद। आशा मार्ग. सम्याव के साथ पुण्यमयी आचरपा को चारित्रपाल में उपदेश, सूत्र. श्रीप, संक्षेप, विस्तार, अर्थ, अवसाद, परम्राहगाह सम्यकत्वाचरण के माम से कहा है। इसको देशसंयम हाचिके पेद से दर्शनार्थ के 10 भेद है। चारित नहीं समझना याहिए।
सम्यग्दृष्टि - Suryagityari सम्यस्वाराधना - Samyakvisiulhand.
One with righ perception of fakth. Enlighenment at right talth.
जो जीव मन्यादर्शन सहित हो । आराधना के दो प्रेद (सम्यतवाराधना और मारित्राराधन्ग) गें