Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

View full book text
Previous | Next

Page 597
________________ समाहार समाहार - Sarnafutra A collection, an aggregate, Name of a female divinity of Ruchak mountain. समूह, रुचकर्व निवासिनी दिक्कुमारी दषी । समिति - Samiti. Carefulness, Discipline, To keep vigilance in activrties. प्राणियों को पीड़ा न पहुंचे ऐसा विचार कर दया भाव से सावधानी पूर्वक सभी प्रवृत्ति करना अति कहलाती है। यह 5 प्रकार की होती है- ईर्ष्या, माषः, एषशा, आदन. निक्षेपण और प्रतिष्ठापन । HAUT- Samikaranu. Equation तुल्य या बराबर करने की क्रिया । समुच्छिन्न क्रिया निवृत्ति Samucchinna Kriya Niugi Absolule meditation, devoid of all advilies of vibrations of soul points. इसमें चतुर्थ के मांगों का तथा कस्य बल आदि प्राणों का समुच्छित्र (उच्छेद) हो जाता है। इस ध्यान में किसी प्रकार का आस्त्रव नहीं होता यह अन्तर्मुहुर्त समय के लिए होता है इतने ही समय में इससे निर्वाण प्राप्त हो जाता है । समुस्कीर्तना Samutkirtan. . 1 समुत्पत्ति - Semuipart. Birth origin, creation. मूल पैदावार । A disquisition door (Anuyogdvar), expressing existance of all Kormir nature. एक अनुयोगकर इसमें कर्म प्रकृतियों का अस्तित्व बतलाया जाता है। 546 - समुत्पत्तिक काय Samutpattiko Kaṣāya. Something passion generating. जो जीव से मित्र होकर कषाय को उत्पन्न करता है वह समुत्पत्तिक कषाय है । - समुद्घात Samudgiāta. Extrication of soul-points from the body without leaving the body, there are 7 kinds of it वेदना आदि के निर्मित मे मूल शरीर को नहीं छोड़ते हुए को जीव के कुछ आत्मप्रदेश शरीर से बाहर निकला हैं उसे समुद्रात करते हैं। इसके 7 भेद है। वेदना, कषाय, मारणान्तिक, वैक्रियिक, तैक्स, अरहारक और केवली । समुद्र - Samudre. Ocean, Sea (one of the dreams of Lord's & Bhara! chakraivalis mother) सागर। तीर्थकरों की माता एवं भरत चक्रवर्ती की माता यशस्थती के में एक स्वप्न । भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शब्दकोश Nerminalh. 22 में सीकर नेमिनाथ के पिता शौरीपुर के राजा अन्धकदृष्णि और सुभद्रा के 10 पुत्रों में प्रथम पु सम्पञ्जिया चरिउ - Saminaljina Carria समुद्रविजय - Samudruvijaya. Father's name of the 22 Tirthankar (Jaina Lord ) Name of a treatise in Apabhransh language wellten by poel Raedhu on the conduct of Lord Mahavira. धनवान महावीर के चरित्र विषयक अपभ्रंश भाषा कवि धू कृत अंछ समय ई. 1400-1479 सम्मत्तगुणविहाण कष्य - - Sanatagunaviiāna Kava Name of a book written In Apabhrany language by Shubhkirti. शुभकीर्ति द्वारा ई. 1442 रचित अपभ्रंश भाषाबद्ध काव्य । सम्पत सत्य - Samata Sorya. Something unanimously accepted or approved बहुत जनों के द्वारा मान्दा गया जो नाम वह सम्मतसत्य जैसे लोक में राजा की स्त्री को सनी कहना सम्पद ammada. Name of the 2nd predestined Raudra. ॥ भाविदू सम्मान - Samināna, Respect, reverence, honour. आदर, विनय प्रत्तादि से युक्त साधु, आर्यिका एवं बड़े जनों का यथायोग्य विनय सम्मान करना । सम्मिश्र Sanuniśra. Mixed, An infraction of vow of limiting consumables & re-consumables ie. eating of cooked food mixed with raw one etc. भोगोपभोग परिमाण व्रत का एक अतिचार सचित्त से मिली हुई वस्तु को खाना । सम्मेदशिखर 1 - Sammedalikhara. The eternal & great reverential place of pilgrimage of Jains, which is the salvation place 20 Firhankars (Jaina Lards) of the present era. शाश्वत तीर्थराज अनादिकाल से अनंत तीर्थंकरों की निर्वाणभूमि एवं वर्तमान चौबीसी में भगवान आदिनाथ वासुपूज्य, नेमिनाथ और महावीर को छोड़कर शेष बीस तीर्थकरों की निर्वाणभूमि। इस महान तीर्थ के बारे में आचायों ने कहा है 'एक बार बंदे जो कोई । ताहि नरक पशु गति नहीं होई।।' इसलिए जैन धर्म के सभी अनुयायी इसकी 27 किलोमीटर की पर्वतीय वंदना भी श्रद्धापूर्वक करते हैं। यह वर्तमान में झारखंड प्रदेश में पारसनाथ हिल के नाम से प्रसिद्ध है। सम्मेदशिखर महात्म्य - Sammedasikhara Mahatinya. A composition composed by Shrimad Yativar Devdetta. श्रीमद्वतियर देवदत्त श्री लोहाचार्य द्वारा सम्मेदशिखरजी की महता पर संस्कृत में रचित 21 अधिकारों में निबद्ध एक

Loading...

Page Navigation
1 ... 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653