Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 595
________________ 544 समयसार भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी शब्दकोश JIO.Arra, Etc.). ममतापी रस अर्थात अभवन, घ्यानलीन मनि मन्रम का जंजचन अागमागम्य प्रतिनियत हदय में उनकी गायों की आस्वाद प्राप्त करते है। यथार्थना को अंगर करने वाला है वह समयसत्य है। समरसी भाव - Samarusi Rhivr. समयसार - Sumesastire. Supreme temperament The essence on the soul, the essential nature of ध्येय और ध्यता का एकोकरण समरमीभाव माग गया है, Ine soul. यही एकीकरण प्रपाधिरूप प्यान है। शदातम का मार, विशुद्ध आत्मतत्व। सामान्य परिणामी, समवसरण - Samavastaraarur. जीवनभाव, परमस्वभाव. ध्येय, मु. परम तथा तत्व ये मन Assembly of Lord Arihant, the place of resoसपमसार के अपरनाम है। nant preaching of Lord Anhani. समयसार (शास्त्र)-Stemeivasara(SrixTra), तीर्थकर की पसभा को समवमरण कहते हैं। जहां समस्त Name of a great melaphysical treatise written भौ-एरुष, पश-पक्षी और देवी-देवता समान भाव से भगवान by Acharwa Kundkund का उपदेश सुनते हैं अथवा जहां सभी भव्य जीव तीर्थकर की आचार्य कुन्दकुन्द (ई. 127-119) कृत आध्यात्मिक कृति। दिव्यध्वनि के अबमर की पानीक्षा करते हैं यह समवसरण है। अमृतचर के अनुसार इसमें 415 प्राकृत गाया निबर हैं गया इन्द्र की आज्ञा से कोर के श नार्थकरी के गेग्य एवं श्री जयसेनाचार्य के अनुसार 437 गाथाएं हैं। सपनजरण की रचना की जाती है। समयसार(टीका) - SamayashratTikal. समवसरण व्रत - Samansarria Vrota. The commentary books on Samayasar trea A type of vow (fasting) lo bo observed for dirtise written by 1) Acharya Amritchandre 2) ferent 24 days in regard to the differenl ausplArfarw Jaisen etc. cious objects of Somayasarun (the holy sosemअनार्य अनबन्द्र (ई. 905-255) द्वारा कृत आत्मख्याति bly of Lord Anhan!) मम्टीका, आचार्य जयसेन 1. श. 12-13) द्वारा कृत तीर्थकर के समवसरण में मानस्तंभ, आठ भूमियां, सीन कटनी. तात्पर्यत संस्कृत टीका, पं. जयचंद बड़ा (ई. 1807) अतिशय, प्रातिहार्य, अनसचमुहय तथा मुनि, आर्थिका, देव, कृत कामख्याति पनिका हिन्दी टीका. आचार्य श्री ज्ञानसागर देवी. पनष्य पर्ष लियर आदि द्वारा बंदित होने की अपेक्षा 24 । अचार्य श्री शिवसांगर के शिष्य) दारा तात्पर्य दात का हिन्दी न किये जाते है। इन्हें उपवास, अल्पाहार या एकासन आदि डाका, गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानम्ती माताजी द्वारा रचित दोनों पे करना चाहिए। विधि एवं गंत्र 'द्रतविधि एवं गजा' भाग 2 मस्कृम रीकाओं आत्मख्याति एवं गापर्य यति पर ज्ञानज्योनि में देखना चाहिए । नामक हिन्दी टीका. मुल्लक श्री मनोहरलाल वर्णी कृत हिन्दी भत्चय मंत्र-2ी समवसापापासूर्यवृषमादिवर्धमानान्तेभ्यो मप्नदशांगी टीका हा. पं. मोनीलाल जैन कोठारी-फल्रण नमः । महारए) कृति स्वतंत्र संस्कृन एवं हिन्दी रीका इत्यादि । समवाय - Setrnarist. समयसार कलश - Samayasim Kaiatn. An assemblage, a collection, a mullitude (in Name of a specific composition by Acharya separable). Aniritchandra सम्मिश्रण, संयोग, समूह, नादात्म्य, न छूटने वाला, अपृथपना आचार्य अमृतवन्द्र द्वारा समयसार की आत्यख्याति टीका में और अयतांगड़पना । शबुक्त किये गये विश कर कलश नाम से कहे गये है। समवाय संबंध - Sarnarya Startbeundha सपय-ई. 205-955 । Relation of inseparability समयसार नाटक- Samayasara Nagpke. अयुत सिद (एक दूसरे के बिना न रहने वाले आचार्य (ग) Name of a cornposilion composed by Panelir और आपार (तंतु पदार्थों का यह प्रत्यय हेतु (इनवन्तुओं में Banarsidas. पटने) सम्बध (वैशेषिक मान्य) मपघाय सम्बंध है। 4.नारसीदाम (ई. 1636) की आध्यात्मिक रचना, इसमें समवायोग - Samavayingu. 15 अधिकार और 16 पद हैं। यह प्रेथ समयमार की The a" part in all 12 parts at Shrer (earty canआत्मसमाति टीका के कसशों के आधार पर लिखा गया है। ong). समयसार नाटक टीका - बादशांग श्रृत का चौथा अंग: इसमें द्राक्षेत्र, काल, पाव की Samayusara Ninka Tita. मपेक्षा समानता का कथन है अर्थात जिममैं पदों की समानता Name of a commentary book written by funds के आधार पर समवाय का विचार किया गया है वह समवायोग Sadesukn. है। इसमें एक लाख 64 हजार पद है। 4 मासुखरई. 1195-18671 कुन समयमार नारक पर समवृत्ति - Sunavrtti. लिखी गई टीका। Tendency of inseparability between virtues & समरस - Sanarasa. virtuous one. Equanimous natura महदृत्ति अर्थात गु- गुणी का एकत्व रूप से अनादि तादात्म्य

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