Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 564
________________ टर्ण विण Lord Mahavir Hindi-English Jain Dictionary 513 शीर्ष प्रकंपित शिवतत्त्व - Sivatetive. दिया। कृष्णा के विरुद्ध 100 अपरथ तान पर पुट म कृष्णा Saul, Supreme element. मरा गया । आत्मा । शिष्य-Sixya. शिवतिय -Sivatiya. Discrple, Follower, A pupil Absolute state of salvatlari. चला, विमाधा। पुक्ति पी कन्या अर्थात् मोक्ष लक्ष्मी । शीत -SHA शिमदन - Sivartentia. Cals. The z Patat (layer of the 3rd holl Name of a greal Ar Harw? वाड़ा. मीसरे नरक का दुरारा परल : भगवान पहावीर की आचर्य परम्परा में लंश वार्म के परगन् शीतपरीघह - Sitamarintint. हए बार आमा में तीसरे मचाये। समय-ई. 31-53 | Afflicillon of cold (to he endured by the saints). शिवनंदि - Srvarniti. मुनियों के 11 गरीबहो में परीवर, शीस पेटग को Name of a Bhararak of Nundi group. ममतापूर्वक महन करग शीय परिवहनय है। नंदिमम बलात्कारगण वाग (राजस्थान) की गद्दी के एक भवारक। शीतयोग - Sitarama समय- चि. 1143 । A type of austerity-meditational the bank ofa शिवभूति - Sinhhuti. riverncold sesson. A Pelleamidor Jalna galnl who got omniscience मामलेश प का एक गंद: शीतकाल में नदी किनारे ध्यान ultimately on knowning the principle of sepa- रगान । rateness of soul & body. शीतलनाथ -Sitrianatha. शिवाति ने जिनकल्प (दिगम्बरता) को स्वीकार किया था और Name of Ine 10 Tirrhankar (Jains Lord) शानावरणी कर्म के उदम से पन्हें कुछ माद नहीं रहता था पुनः पर्तमान चौरामी के 10वें तीर्थकर वाकुवंशी राजा दवाय 'तषमान पिस' इस सूत्र का चिन्तन कर आत्मा और शरीर पनी प्तनंदा नका मनीर्थकर पुण्दत के मुक्त होने को पित्र जानकर शुक्लध्यान के जल से केवली हो गये। के बाद मरोड़ सानास आने पर हुआ था। वर्थ शिवसागर -Sivasagara. के समान गई नम:360 हाथ) एवं माय एक लाख Name of the 2m Pattacharyn in the tradition of पूर्व वर्ष की थी। इनकी अमनगरी पनिकापुरी (पदिसपुर) में । greal Acharya Charitra Chakravarti Shri शीतलप्रसाट Satrania Shantlsagaiji.who was the disciple of Atharvt. Name of a greal celibate, the commentator of Virsagar. great treatise, Samayar. वाशिचक्रवती आचार्य श्री शांतिसागर जी की परम्परा के द्वितीय समयमार की गवा टीका के कर्ता पक पाध्यात्मिक विधान पावार्थ प्रथम पट्टाचार्य श्री कीरसागर जी महायब के प्रमुख (महासास)| समय-1. 1873-1948 । शिष्य। सन् 1997 में ये आचापट्ट पर आमीन हुए एवं मन् शीतल वायु - Sitata Viu. 1969 में समाधिस्थ हुए । शिवादेवी - Sividevi. | One of Ina 14 divinaty excellences of Lord Anhanl-gonte broezo (wind). Mother's name of Lord Neminalh अरहंत के देवकृत 14 अतिशयों में एक अतिशय बारकमार भगवान नेमिनाय की माता, महाराज समदबिबर की महारानी देव र शीतल एबन चलाना । का नाम । शीतोपचार -Stopachra शिविका - Sivika. Treatment with cold maana in prickly hot days. A palanquin. अपवाद मार्ग, उष्णकाल में शीतक्रिया द्वारा वेवमा का सपशमन पालकी: जो मनुम्चों के द्वारा उठाकर ले जागी आती है वह करना। शिविका कहलाती है. तीर्थको के हीलावन जाने के लिए देवों शीतोष्ण -STtosre दाग स्वर्ग से पालकी लायी जाती है। A kind of female genital organ (having le do शिशुपाल - Sisupata with cold and hol Name of a famous king who was killed by बोनि के भेदो में पक भेद: ओ योनिशीत एवं उच्य होनों Krishna according to Jaina scriptures. स्पर्श रूप होती है। रावा मेषज एवं रानी मद्री का पष, प्रसके तीन नेत्र थे। किसी . शीर्ष प्रकंपित - Sira Prakamita. निमिमज्ञानी ने बताया था कि जिसके देखने से इसका तीसरा A lypa ol lme unit. नेव नर होगा वहीं इसका सन्ता होगा। माता-पिता उसे एक बार ___क्यात का एक प्रमाण, शीर्वपहेलिकोग, सी प्रकपित एकार्थयात्री कृष्ण के पास लेकर गये, वहां कृष्ण के प्रभाव से समझा तीसरा नेत्र अदृश्य हो गया। माता-पिता ने कृष्ण में पुत्रभिक्षा मांगी कृष्ण ने सौ अपग्रप होने पर ही जमे पारने का पवन

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