Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 573
________________ श्रीवत्स 522 भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शब्दकोश श्रीवत्स - Srivatsa. knowledge A particular type of mark on the chest of meri- दादशाग ग्रुन अर्थात सकाल श्रुत को जानने वास्न मनि । lorious persons. Name of a propounder of श्रुतगुरु - Snetaguru Vrucheshi literature Spiritual preceptor. तीर्थकर आदि प्रपामाओं का एक शारीरिक लक्षण जो वक्षःस्थल जो प्रायश्चित्त देकर संवेग व वैषग्य जनक परमागम के वचनों पर ही है। पार्श्वनाथ धरित्र के अनुसार उनके नव भव पूर्व द्वारा साध का संचरण करते हैं वे निर्यापन हैं। उनके ही शिक्षा में पांदनपुर के राक अरविंद की मुनिअवस्था में उनके वक्षस्थल गुरु या श्रुत गुरु की कतने हैं । का प्रांवरू चिन्ह देखकर मरुभूति की पर्याय से बने हाथी को श्रुतज़ान - Sujnare. जातिस्मरण हुआ था। एक देशेषिक साहित्य प्रवर्तक, लीलायती The sensory cognitive knowledge, Scriptural कृति के रचयिता। knowledge श्रीवर्द्धन - Srivardhana. पन्द्रियो द्वारा 'ववक्षित पदार्य को ग्रहण बारके इस सम्बन्धित The past-binh soul of amniscient Sanjayant. अन्य पदार्थ का जानन्स। अथवा यसिंझार में जाने एये पदार्थ दो मंजयंत केवली के पूर्वभव का जीव। यह कुमुदायती नगरी क अतलावन से तत्सम्बंधी दुसरे पदार्थ का जो शान होता है उसे राजा । श्रुतझाम कहते है। इसके अक्षरात्मक व अनक्षरुत्मक दो पेट है। श्रीशैल - Sritaila. अक्षरात्मक भूतान के पौष, पर्यावसपास. अक्षर, भाक्षरसग्गस The another name of Hanumanji. आदिदीस भेद है एवं अनवरात्मक तशान के असंख्यास पेद हम्मान का अपरनाम। यह नाम हनुमान के शैल-पर्वतम है। लेने तथा विमान से गिरकर शिला को मुण्ड- करने से श्रतज्ञान व्रत - Srutejiana Vrate. इनका नरम श्रीशैल रखा गया। बन्होंने मांगीतुंगी से मोक्ष प्राप्त Aparticular type ofvowtfasting to be observed F6 मांगीतुंगी परपरकी म.प्र निराधमान । ath specific procedure. हैवं तलहटी में स्थित नवनिर्मित मंदिर में 11 फुट उत्तुंग विधिपूर्वक 158 उपवास एवं बरनी ही पारणा करना तथा 'ओं विाषपूवक 150 उपवास एव परना। प्रतिमा विराजमान है। जिमकी पापा प्रतिमा सन 1996 में ही द्वादशांगभुतवानाम नमः' का विकाल जाप करना । गणिनीप्रमुख आर्थिका श्री ज्ञानमती माताजी के सानिध्य में हुई। अतज्ञानावरण -Srerujhdvarana. श्रीष -Sripa. Karmet obscuring the Shrutgvan (scriplural Tha inillallon & omnlsclance tree of Lord knowledge), Suparshvanath. शानावरण कर्म का एक भेद, जो कर्म श्रुतशान को आवारा नीटकर सपावना का दीक्षा एवं केवलज्ञान वृक्ष। अपरनाम शिरीष पृष्ठ । श्रुतजानी - Srirajfiant श्रीवेण - Srisena. One wal versed in scriptural knowledge The past-birth (111h) soul of Lord Shanlinath, वस्तुावमप को जानने वाला अतान अर्थात् शास्त्रज्ञान में Name of the 5th predestined Chakravarti (emperory. श्रुतग्रंथकृति - Srulagrarishrati शांतिनाथ भगवान के पूर्व का 11वां भय, यह मगध देश का The realises with appropriate meenings राजा था। आगामी 5वें चक्रवती का नाम | शब्द संदर्य रूप अक्षरकाव्यों का प्रतिपाश अर्थ को विषय श्रीसंप्रदाय-Shitaharudava करने बासी जो ग्रंथरचना की जाती है। The tiral sect of Vaishnava philosophy In all 4. श्रततीर्थ-Srutanrtha. वैष्णव दर्तन के 4 सम्प्रदायों में प्रथम संप्रदाय। इस संप्रदाय । An auspicious event (Vire Shasan Jayanti) to में विशिहादतवादी जी यमानंदी भी कहलाते हैं। lated to the first resonant prsaching of Lord श्रुत - Sruta Mahavir The scriptural knowledge, Something listened. प्रावण कृष्ण प्रतिपदा (वीर सामन जयती) को श्रुततीर्थ विषस दशांग, सुना हुआ । कहते हैं क्योंकि इसी दिन सुबह अभिजित नक्षत्र में तीर्थ पीर भुतकीर्ति - Frerakirti. शासन) की उत्पति हुई थी। अर्थात् राजाही के पिपुलावल Name of two different saints of Nandt group पर्वत पर भगवान महावीर की प्रथम दिव्य ध्वनिखिरी पी। नधिधवलावर गण विभपन की सिध्यबिन्होंने अनेक श्रुतधर आम्नाय - Srutadharanniya, मंधों की रचना की। मंदिसंपदेतोयगण, माधनंदि कोल्हापुरीय The tradition of real saints possessing scrip के शिष्य एक महावादी। कृति-काव्य राम पाण्डवीव (समय- bural knowledge [Shirwayar). 1.1133. 1163)। श्रुत को धारण करने वाले आचार्यों की परम्परा, भूलसंप की अशकेवली - Srutakexit. पट्टारली में मौतम श्रुतकेवली पदबा है। Greal saints, well versed in whole scriptural

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