Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 583
________________ संत्राय विरोध 532 भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शबकोग संप्रदाय विरोध - Sampradaya Viredina. अंत में मरकर निगोद में उत्पन्न हुआ । Castewise mutual contradictions संभित्रोत ऋद्धि - Sanbhinafratra Ridhi. । भित्र-भित्र जातियों में पारस्परिक विरोध । A super power al replying at once the querias संबंध - Sambandha. of all balnga present in all 10 directions. Alliance.Relanon. Connection. बुद्धि ऋद्धि के 18 भेदों में पक भेद जिस शति के प्रभाव में मंयोग, मिलाप, माहचर्य। जहां पर अपेद प्रभा और अंद मामु प्रोत्र-इन्दिय के उत्तर क्षेत्र से बाहर दसों दिशाओं में गौण होता है यहां पर संबंध समझना चाहिए । संख्यास योजन प्रमाण क्षेत्र में स्थित मण्य और तिथचों के संबंधाधर(सचित)-:Scambandhāhāra (Sarita), बहुत प्रकार के शब्दों को सुनकर उनका एक माच प्रत्युत्तर देने में समर्थ होता है। A kind of food; as cooked hol vegetable mixed with the raw onerte.!:1200-edihatara - Sunbita to Jaina philosophy Born from or originaled from मचित्त मे चेतना दम लिया जाता है। इससे सम्बंध को प्राप्त बनाया हुआ या उत्पत्र किया हुआ । हा द्रव्य सचित्त मपंचाहार है। प्रतियों के लिए ऐसा आहार संप्रांत - Sarisbhrānta त्याज्य है। Contused. Agitatod, Honoured. Respected, A : संभव -Sambhave. dwelling place in the first lend of hell. Possible, Probable, Name of a planet, A type उद्विग्न, अमित, सम्माननीय, आदरणीय, पहली पर्मा नरक of deltes. पृथिवी के 13 प्रस्सा में छठे प्रस्नार का सता इन्दक बिल। 8 ग्रहों में 52 वां ग्रह। आकाशोपयन देशों के 12 भेदों में संमिश्र - Sanmisra. अतिम अंद। Mbxed food; as cooked food mixed with taw one. संभवचरित - Sanbhavacariu. It is non-edible accroding to Jama philosophy Name of a treause written by post Tejapal. सचित या बीच सहित द्रष्य से मिश्रित प्रव्य मर्यात अाहार। कवि तेजपाल द्वारा (ई. 1443) रचित यथानाय विषयक भोगोपमोग परिमाण प्रत का एक अतिवार। सचिह से मिली अपांश च । वस्तु को खाना । संभवदल कर्म - Saibhavadala Karma. संयूईन - Sriurmircchana. Cwning of wood. Spontaneous generation (formation of body orतकड़ी के आवावकतानुसार भाग कर दिये जाना संभवदल gans ar flmbe by surrounding mattery. ओ बीय सी-पुरुष के संयोग के बिना ही वातावरण में बिखो संभवनाथ - Sanbhavanitha. हए परयाओं के योग से उत्पन्न होते हैं वे सप्मून कहलाते Name of the 3 Tirthankar (Jaina-Lord). हैं। सभी प्रकार के पेड़-पौध रोष एक इन्द्रिय सथा को इन्द्रियादि तीसरे सीकर श्रावस्ती नगर के राजा दराज प नी मधेणाकार-मकारबादि । के पुत्र। इनकी आयु 60 लाख वर्ष पूर्व पी. ऊंचाई 400 कल जन्म - Sartunitrechana Janma. मनुष (1600 हाम), देहवर्ण-सप्तस्वर्ण सदश, 14 वर्ष तपस्या Spontandow blath formation of body organa के बाद केवलज्ञान प्राप्त हुआ। चारुदेण आदि इनके 105 or limbs by surrounding matter). गणभर थे। इनका चिन्ह घोड़ा है। जन्म केबीन पेट में एक पद तीनों लोकों में सर्वत्र निना माता-पिता के सम्बंध से सब ओर में पुदगलों के प्राण करके संभावना सत्य-Saibhavana Sarya. जो शरीर की सन्न हो जाती है उसे सम्मान जन्म कहते है। Truth portaling to probablity or possibllity. वस्तु के स्वभाव को कहने पाला बचन वा जैमी इच्छा रखे देखें-सम्मुर्छन । पैसा कर सके यह संभावना सत्य है। जैसे-अमल करे तो इन्द्र ध्य-SwimirechanaMguyre. बद्रीप को पलट सकता है। Human beingscaused birth byspartaneoungen aradon (not by womb). संभाषण- Saribhayana. वीर्य, नाकर मल, कफ, कान, दांतों का मल और मस्यंत Conversation, Dialogue. अपवित्र अंगों में जो जीव तामाल वापत्र ते एवं निनका कोपकथन, बातमीन । शरीर अंगुल के असंख्यात भाग का रहता है और जन्म लेने के संधिपति-Saunbhinnamari. पाद ये शीघ्र नष्ट होते हैं मे सध्यपर्याप्तक होने हैं। Nuna of a minister or counsellor of king समध्यिम - Sashminechines Mahabal (tha 10 puust birth soul of Lord Rishabndory. Being caused by spontaneous birth (nol by तीर्थकामदेव के 10 पूर्वपद के बीच राबा महाबल का womb or gamination). गर्भज और उपपाद बन्न बालों के अतिरिक्त और वीव! एक मंत्री। इसने राज्यसभा नास्तिक मस की सिद्धिकीपी

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