Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 555
________________ 504 व्योमशेखर गवान महावीर मिन्दी-अंग्रेजीजैनम्वकोश ing) baby to the temple for the first time (after 45 प्रकाश गमन संबंधी विद्या निकाय | days of birth) along with the acceptanou of no बोमोखर - Vyomasekhara. pantance by the mother for the breaking of reliName of a promoter of Visheshalk philosophy glous duitlos liko dally visiting temple etc. dur ing the child Birth impurity period. परक वैशेषिक मादित्य प्रवर्तक । प्रसूति के 45 दिन पश्चात् माँ को मंदिर में ले जाकर 45 दिन व्रणमुख- Vranamukta. की अवधि में छूट देवदर्शन, पूजन, ग्याध्याप अादि गर्मिक Nine main outlets at the body. लियाओं हेतु प्रायश्चित्त दिया जाता है तथा नवजात बालक को अंदारिक शरीर के पल वार । णमोकार मंत्र सुनाकर आजन्म , मांस, गधु एवं पाँच ज्दम्बर व्रत- Vrota. फलों के त्यागरूप अष्टमूलागुण ग्रहण कराये जाते हैं। अपर प्रांत Vom.Resolution, Aversion from all fivesInsti.e. में यह प्रथा विशेष प्रचलित है। violence, stealing, to fle etc.) द्रतावतरण क्रिया - VruttiyeraranaKriya. हिता. भूत, चोरी, कुशील, परिणा. इन 5 पापों से विरक्त होगा An auspicious act, roenlering Into the worldly अस्थमा संकल्पपूर्वक जो नियग लिया जाता है उसे व्रत करते है। routine lite after getting complele knowledge इसके दो भेद है-अणूशत और पाहायत । from leacher. ब्रत कथाकोट- Vrata Karhations दीक्षावा की 11वीं किया, इसमें विद्याभ्यास के पश्चात् शिष्य Name of a book written by Acharya Shrutsagar गुरु के समीप विधिपूर्वक पुनः आभूषण आदि ग्रहण करता है, आचार्य श्रुतसागर (ई. 1487-1498) तत काथाकोश, इसके गान्धय श्री 16र्थी निया, विद्या प्राप्त कर शिष्य माता-पिता के आधार पर नैमिदत्त (ई. 1518) मे आराधना का कोमकी पास आता है. पहले लिये नियमों को छोड़कर गृहस्थ में रहता है। रचना की थी। तारोपण - Vratiroprupa, प्रतखंडन - Vrara Khandana. An auspicious ritual act of procedural Jalna-iniBreaking of A vow. Infringement or violalon of Liation of one lo bo performed after one month a vow. of alliatlon. व्रत का भंग होना। पुवा लेने के पश्चात एक पक्ष या एक माह के अंदर शुभ मुहर्त व्रता क्रिया - Vrpracard kriyā. में गुरु के द्वारा यह तारोपण किया मवादीक्षित पर की जाती है। जिसमें एक विशेष प्रतिक्रमण पाठ पदा जाता है तथा पूरी दीक्षा A type of auspicious activity (reg vow al celibacy), an act of consecration (rag sludy of te विपि के अनुसार ही महावतो के संस्कार होते है। दीक्षाविधि के liglou formulae). अनुसार व्रतारोपण निया के पश्चात् नयादीक्षित द्वारा एक व्रत भी गान्चय की 15यी निया, इसने ना त के गोग्य कमर, ग्रहण करने का विधान है। इस विधि के पश्चात संघ में अन्य जांच. घसस्थल और सिर के चिन्ह धारण किये जाते है. दीक्षान्षय साघुओं के साथ नमोस्तु-मसिनमोस्त करना प्रारंभ झेजाता है। की 10वी किया, इसमें यज्ञोपवीत से युक्त होकर शब्द एवं अर्थ प्रती- Vrati. दोनों प्रकार से उपासकाध्ययन के सूों का भली प्रकार अभ्यास One engaged in observing vows. किया जाना है। जो अहिंसादिव्रतों से युक्त है। व्रतीके अगारी और अनगारी क्तप्रतिमा- Vrakapratini. दो पेद । The 2nd model stage of householders out of its - Vozi, 11, following 12 particular vows without any Seeds tor cutivation. Ming. वर्मा के आरम्भ में कोया जाने वाला अमाध, धान्य। अमक्याकी 11 प्रतिमामा में दूसरी प्रतिमा, पाल्य रहित होकर 12115 अग्नत, 3 गुणत और 4 मिमा व्रत) धारण KIT - Vratabhamga See - Vrata Rhrandana. देखें - बतखंडन। APER - Vrutatuddhi, Purity of vowa. आप्रय हिंग, आशा रहित, संतोषी, बारिश में तत्पर ऐसे मनि अपने शरीर में पनत्व नहा करते। यह उनकी व्रत शुद्धि है। व्रताचर- Vrardcdra. A Guntamary tradition of carrying a newly born

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