Book Title: Bhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan
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Lord Mahavir Hind) English Jan Dictionery 503
व्योमचर पनियों के द्वाश विनंगपूर्वक पूछे गये प्रश्न और केवली द्वारा दिये व्यामोह - Vydnoha. गये उत्तरों का विस्तृत वर्णन है।
Confusion, embarrassment, Slate of unmindful व्याख्या प्राप्ति - Vyakhyi Preyrapti
happiness. Name of the books written by Achare Amitgali
मोष्ट, प्रणयोन्माद, बेचैनी-प्याकुलता,अज्ञान । and by Acharya Bappadev.
व्यावृत्ति - Vsayeri आचार्य अपितगति (इ.903-1023) पारा रचिल एक सस्कृत Negation. absence olone into the ather. ग्रंथ, आधाम बम्पादन (विश. 7) कृत 60,000 श्लोक प्रमाण पर्याय, विशेष अपवाद, ध्यायनि एकार्थवाची हैं। अथवा विवक्षित कर्म विषयक प्राकृत पंध।
पटार्थ मे नसरे पदार्थ के निषेध कोणतकाते है। व्याख्यालंकार टीका - Vyakhyalankara Trka. व्यास - wisa. Name of a commentary (book) willen by Paan. Dlameler, A type of tallowen of Vinayud. dir Ashadhar
किसी वृत कंगमान भागों में विभाजित करने गलीरेखा. विमरण, पंडित आशाघर जी कूस एक टीका .
दिभाजन, चौलाई, विनयवादियों के 32 भेदों में से एक। व्याघात - Vyaghate.
व्युच्छिति - Virucchitti. Obstacle.Hindrance, Impediment, Destruction
Annihilation. विज, रोकावट, मामी कापडकtiati
-1412,
नाशिथि-आगे कर्म बंग का अभाव, उदय कहते ।।
म्युशिति-आगे कर्म के उदय का अपम्प, स्वाव्यग्छिति-आगे ध्याज - Vyaja.
कर्म की मशा का अभाव । Decelt, Interest ton moneys.
प्युच्छेद - Vyacheda. धोखा. आपट, छल, सूद।
Lock, Non-existence व्यापक- Vyapaka.
अभाव: तीर्थ युष्मंदाति तीर्थ या धर्म का अभाव । Peryaded, Pervashre, extensive. Broad व्युत्सर्ग- Vyatsargu. सर्थक फैला हुआ। आकाश, गगन, अयणाहन लमाण, जायेय,
Renunciation of body altachment of affection. व्यापक, आभार और भूमि ये सब नो आगन या क्षेत्र के एकार्थ
काय से कनत्व का त्याग करना एवं स्थासोश्वास पूर्व बार याचक नाम ।।
णमोकार मंत्र का जाप करना । व्यापमानुपलधि अनुमान -
यात्सर्ग तप - Vputsarga Topxe. Vypakarmpalabdhi Anumant. Renunciation of Inlamal & external attachmentAn interence pertatilng to knowledge aany an austerity. matter-complarment of each other.
बाम एवं अंतरंग परिग्रह का स्याप एक नियत या अनियस काल अनुमान का एक भेट; जो जिसके साथ नियम से उपलब्ध होता
के लिये शरीर से मपल्व का स्याप प्यत्सर्ग तप या व्युत्सर्ग है, वह उससे भिन्म नहीं होता। इस अनुमान से जान और
प्रायश्चित्त है पदार्थ का अमेद सिद्ध होता है।
व्युत्सर्ग प्रायश्चित - Vyasarga Prayasritta. व्यापार - Vyapara.
See - VyatsargaTapu. Business, accupation, any activity for money दे खे - यत्सर्ग सप। नियत-अनियत काल के लिए शरीर से प्रयोग कार्यपद्धति, प्रयत्न, ध्ययसाय, अर्थ (धन) प्राप्त करने ममत्व त्याग कर कार्यास्स करना। मी समर्थ क्रिया प्रयोग को व्यापार कहते है या दृष्टामाय से ,
ति- Vyapuratakrry Nivrati. प्रतिपक्षपूत आरम्भ का नाम व्यापार है।
A kind of supreme meditation. व्याप्ति- Vyapti.
चौथा शुक्लाम्यानकारली भगवान के द्वारा जब श्वासोच्छवास Intimale relationship between the object & I रूप क्रिया का तथा मन बछन काय की क्रिया का विरोध किया means, Parvasion, Spread through, Diffusion.
जाता है। यह 14वें गणस्थान में प्रयोग कथली को होता है। साध्या और साधन द्रो अधिनाभाव संबंध को व्याप्तिकहते है।
इसका दूसरा नाम समुच्छिन्न क्रिया निधि भी है। जैसे-जहां धूम है व अमि।
याहि क्रिया - Vyri Kriya व्याप्तिज्ञान - vyapatijinaru.
An'auspicious activity lo be performed after the Brond knowledge, parvaded knowledga
one year of the birth of child तकमाप्ति के ज्ञान को सक कहते है।
गम्दिय की 83 कियाऑमैं 114 क्रिया, यह बालक के जन्म ज्याप्य- Vyapya
से एक वर्ष बाद की जाती है। इसका दूसरा नाम वर्गदर्थन है। Parvadad, Diffused, Spread.
ध्योगबर-Vyomacara. ध्यापक्ष, सर्वत्र फैला या परा हुआ।
A system of super power related to my mov