Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 559
________________ शायन शयन - Sayrana. Sleepmg, resling. मोना था शमन करना | शयन तप- Sawana Tope. A kind of austerity (related to sleeping pc कायक्लेश तप का एक भेद. इसके भी सइया उत्तानाय्या अवाकशय्या, शवशय्या एकपार्श्वशम्या, अप्रावकाशशय्या ये मंद है । शय्या - Sayri Suitable rasting place of saints. प्रत्याख्यान सल्लेखना के 40 अधिकारों में 25 वां अधिकार, शराक योग्य वसतिका । शय्या परिषह - Sayya Parisada. A kind of affliction related to sleeping with hardness. 22 परिषों में एक परिषह ध्यान अध्ययन अथवा मार्ग के श्रम से थककर साधु द्वारा कठोर भूमि पर एक करवट बिना कुछ दे अल्प निद्रा लेना और बाधा को समतापूर्वक सहन करना । शर - Sura. An arrow, Name of a king of Kuru dynasty. बाण, तीर, कुरुवंश का एक राजा । शरण Surana. - Sherior, Rafuge, Protection. सहारा आश्रय रहा। सरण के दां भेद हैं-लौकिक अर्था राजा मादि की शरण एवं लोकोचर अर्थात् 5 परमेष्ठी या धर्म की शरण । शरावती - Saravati. БОВ The ancient name of present Shravasti (the birth place of Lord sambhavnath) near district Baharaich (U.P.). भगवान संभवनाथ की जन्मभूमि श्रावस्ती का अपरनाम, यह उत्तरप्रदेश के बहश्च बिले में है। शरीर - Sarira. Body, il in of five kinde-Audrik, Vaikrivik, Aharak Tajas & Karman. सप्तधातु से निर्मित बेह, यश 5 प्रकार का होता है औदारिक, वैक्रियिक, आहारक, तैयम और कार्मण भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी श शरीरत्रिक Šorīratrika. A triplet related to body औहारिक, वैकिधिक प्रहारक शरीर । body. व्युवर्ग तप या प्रायश्चित्त (कायोत्सर्ग) नियत व अनियत कारण के लिए शरीर से ममत्व बुद्धि छोड़ना । शरीर नामकर्म - Sarara Namakarma Physique masire are crushing form tion of complete body. जिसके उदय से ओव्हरिया आदि शरीर की रचना हो । शरीर निर्मलता Sarira Nivalatā. An excellence of the birth of Jaina-Lord (purity of the body) जिनेन्द्र भगवान के शरीर की अतिशय निर्मलता - भगवान अत के जन्म के 10 अतिशयों में एक अतिशय । शरीर निर्माण क्रम Sartra Nirmana Krama. Sequential development of complete body formation. माता के गर्भ में जीव के अंग- उपांग के सपूर्ण विकास का क्रम यह पाय: 9 माह में पूर्ण होता है । शरीर पर्याप्ति Sarīra Parvipri. - Formation of essential elements of body. पर्याप्ति के छः भेदों में दूसरा भेद, बिन परमाणुओं को खरूप परिणमाया था उनको हाड़, रस, रुधिर आदि रूप परिणमावने की कारणभूत जीव की शक्ति की पूर्णता को शरीर पमप्ति कहते हैं । शरीर पर्याप्ति काल Sarira Paryapti Kala. Period of the formation of respiratory vitality in the body. शरीर पर्याप्ति पूर्ण होने पर जब तक श्वासोच्छ्वास पर्याप्त पूर्ण न हो तब तक का काल । शरीर प्रमाण जीव - Surira Pramuna Jiva Occupancy of soul-points according to the shape of the body जीव का संकोच विस्तार स्वभाव वाला होने के कारण कर्म के निर्मित से मिले छोटे-बड़े शरीर की अवगाहन्ना का होकर रहना अर्थात् स्वदेशप्रमाण होना । - - शरीर बंध Sarira Bardiya. Molecular bondage (formation) of 5 types of body. औकारिक, वैक्रिमक, आहारक, तैजस और कार्माण शरीर का होना शरीर बन्ध है - - शरीर कृशीकरण - Sartra Krtikarana. An austerity related to mortification of body. कायक्लेश तपः व्यासम्स निर्विकृति, उपवास आदि के द्वारा शरीर को कृष्ण करना । श *arīratyāga. Renus.. veni related to the attachment of शरीर वर्गणा - Sarira Vargad शरीर बकुश Saira Bakwa A type of saints possessing some faults related to decoration of the body. कुश साधु के दो भेदों में एक भेद शरीर को साफ सुब रखने में जिनका विशेष उपयोग रहता है । A type of Karmic aggregate. 23 प्रकार की वर्गमाओं में एक वर्गणा । शरीर सल्लेखना - Sarira Sailekhand, Haly destruction of the body by reducing food taking etc. (an austerity).

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