Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 541
________________ विषयासक्ति विषयासक्ति Viyamyasekse Engrossment in worldly pleasures. अशुभोदयरोग दिवस के प्रति उपयोग की नम्रता या अवगाढ़ता। विषापहार स्तोत - Visipahiira Stotra. - A praising hymn written by Dhananjay (pool). धनञ्जय कति द्वारा रचित संस्कृत भाषाबद्ध एक स्तोत्र रचना करते समय जिसके पाठ से जनके पुत्र का सर्प विष उतर गया था। विष्कंभ- Viskaribha. Diameter, Expansion. वृत काव्यास, विस्तार, लम्बाई । विष्टा - Vistd. 490 - Diameter. Excrela मल, पाखाना औदरेक शरीर में विष्ठा का प्रमाण 6 प्रस्य है। विष्णु - Visrees. Another name of Nerven. One of the greal Arlarva after salvation of Lord Mahavira. विखाधिपति नारायण को विष्णु कहते है. त्रिपृठ, विपृष्ठ. स्वयंभू पुरुषोत्तम पुरुषसिंह, पुण्डरीक, दत्त, लक्ष्मण और कृष्ण विष्णु (नारायण) है। महावीर निर्वाण के 62 वर्ष बाद हुए 5 आचार्यों में प्रथम आचार्य, ये श्रुतकेदली थे। विष्णुकुमार Visms ये A great saint; the son of Chakravarti (emperor' 'Mahapadma', ultimately who got salvalion. चक्रवर्ती के पुत्र एक महामुनि अकम्पनाचार्य के 700 मुनियों के सघ पर बलि कृत उपसर्ग को अपनी बिक्रिया ऋद्धि द्वारा दूर किया, अंत में तप कर मोक्ष गये । विष्णुनंदि - Vishunamli. Name of an omniscient after Lord Mahavira. भगवान महावीर के बाद हुए पंचम श्रुतकेवली. समय - ई.पू. 465-451, अपरनाम नंदि था। संक्रमण अनंतानुबंधी काम के द्रव्य को अप्रत्याख्यानादि अन्य काय रूप परिणमा देना । विसंवाद - Virarizwilda Misleading or deceptive speech. ववन विरोध, धोखा अशुभ नामकर्म के आाद का एक कारण : अन्यथा प्रवृद्धि या प्रतिपादन करना अथवा दूसरे को धोखा देना विसंवाद है। विसकृत - Visadrsa. Diesunilar Recognition with dis-alimilarity (reg. any different matters). समानता का अभाव। प्रत्यभिज्ञान का एक भेद स्मृति और प्रत्यक्ष के विषयभूत पदार्थों में विलगता दिखाते थे जोरूप ज्ञान को विसदृश प्रत्यभिज्ञान कहते हैं। जैसे- गाय को लेकर पैसा में रहने वाली विसदृशसा दिखाना । भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शोश विसर्जन Visarjanma. Completion, Sending delfies back with respect. समापन, पूज' के 5 अंगों में एक अंग जो पूजा की समाप्ति पर लिया जाता है। इसमें आगन्तुक देवों को आदरपूर्वक अपनेअपने स्थानो पर जाने के लिए प्रार्थना की जाती है । विसर्पण - Visarpojjar. Expansion, Crawling. Slight expansion of soulpoints. फैलाय, प्रसारण, विस्तार, रेंगना, सरकना, दीपक के प्रकाश के समान जीव के प्रदेशों का संकोच विस्तार (विसर्पण) होता है। विसृांग तप Virysttimga Tapa - - An austerity or meditation, keep the body ex. actly loose कायक्लेश ल्प का एक भेट, जिस तप ने सम्पूर्ण शरीर कीला छोड़ दिया जाये उसे विसृष्टांग तप कहते हैं। विस्तर सत्य निषंगी - Vistaret Stattva Tribhamgi. Name of a realise written by Achorva Kanaknandl आचार्य कनकनंदि कृत कर्म सिद्धांत विषयक प्राकृत भाषा का एक ग्रंथ रुनयई सन् 939 विस्तार दर्शनार्य - Vintāra Darsanārya. A type of noble persons. हैं उनमें से विस्ताररूचि वाले म्यदृष्टि को विस्तार दर्शनार्य कहते है। विस्तार रूचि - Vintāra Ruri. Those having Interest of thorough study शिष्यों के तीन भेदों में एक भेद, विस्तार से समझने की मि रखने वाले शिष्य । विस्तार सम्यग्दर्शन विसंयोजन Visanyojana. Transition of higher passions inta lower passion विस्मय Visaye. ate form. Vistāra Seumyagdarsena. Right faith after thorough learning of scriptures. सम्यक्त्व के 10 भेदों में सातवां भेद, जीव आदि तत्वों को विस्तार रूप से सुनकर जो श्रद्धान हो वह विस्तार सम्यग्दर्शन है। - Sentiments of astonishment, Amazement. आश्चर्य या अव की भावना 18 दोषों में से एक जो कि अरिहंत भगवान के नहीं होता । विवसोपचय Visrasoparaya. Natural Karmic attendants; natural aggregation of Karmic molecules capable of binding with saul, - नोकर्म के परमाणु जो जीव के प्रदेशों में एक क्षेत्रावगाही हैं परन्तु जीव के साथ बंध को प्राप्त नहीं हैं अर्थात् ये कर्म नोकर्य रूप होने के योग्य हैं, वर्तमान में पुद्गल रूप है । विहायोगति (नामकर्म) - Vihdyogati ( Nāmakarma). A type of Karmic nature causing spatial movemanL नागकर्म की एक प्रकृति, जिसके उदय से जीव का आकाश में

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