Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

View full book text
Previous | Next

Page 511
________________ 480 लिपि संख्यान क्रिया भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शम्यकोश लिपि संख्यान क्रिया - Luni Sitarinthinr krivi द ही, लगी आदि। A kind of auspicious activity observed on the art - Losyed. age of 5 yrs of a child (starting of syllabic know- Kormic Btain, Aura, colouration. edga). सवाय मे अनुरभित जीव की मन वचन कान की वृत्ति या जो इसने 54 वर्म में शिण के असर ज्ञान का आरम्प विधिपूर्वक भान्मा को भाशुपका से लिया परे। कृष्ण, नील, कापोल, पीत, पय. शुक्ल इसमे ये 6 भेट है। लिप्त -lapto लेश्या मार्गणा -1xyi Margand. A kind of impurity af hands etc. while food of Investigation at attitudes of beings fering to the seints 11 माण: एक मार्गणा जिवासे जीव के भावों का अन्येषण भार से सबंधित टातार का एक दोष; सहसाल, सडिया, किया जाता है। चबाल आदि का चून, या शान इसमें लिप्त हाश्य तय गत अभा लेा-zhyet. अनाक जल से भीगे हथ या बहन रो साधु को आतर देगा। Relishing food by licking लीस -Latur 4 प्रकार के आधार का भेद, जो पदार्थ चाटकर खाये से है। A lice or not, A unit of area mersuremeni. लाच - Ipinca. एक जीव जो सिर में पाया जाता है, क्षेत्रका प्रमाग, 8 कानि Plucking of halr by own hands (a basic restrain का पालाव:31 लिक्षा (लाख) । of Jaina sainis). लीन-lina. बाल उखाड़ना । दिगम्बर जैन सशु-साडियों के 28 मूलगुण Deeply engrossed or immersed (in). मे से एक मूलगुण 4.3. सा 2 महीने में अपने सिर के एवं दादी, रत, स्थिर या तनय होना । गूछ के बालों को हाथ से उखाड़ना । लुका -lumika लो-10 One who started Lwska phllosophy A symbolic expression of the volume of un. गुजरात (अणहिल नगर) में कुानुम्बी वंशीय एक महामानी लुका venge जिसने लकामत (ददिया गल) चलाया। अपरनाग पथानकवासी- घन्नलोक की सहनानी। एक बंताम्बर मत । समय - विस 1527 | लोक-toke लेख क्रिया -Lekhakriwi. Universe (divided into three parts lower, middle Writing activity, Deceitful or fraudulent writing. & upper) लेखन कार्य, सल्याणुव्रत का एक अतिचार: पल से लेख लिखना आकाश का वह भाग जहां जीव आदि पार्थो तव्य विद्यमान ।।। शर्म कूट लेख क्रिया करते है। 343 धनराजू प्रमाण लोकाकाश। यह तीन मार्गा में विमालेख्न-IAkirana. अधोलोक, मध्यलोक व ऊध्र्वलोक। Wriking work लोक अनुप्रेक्षा - Inka Arupreksa. लेख, पुष आदि लिखना। One of the 12 reflectlans (continuous contemलेप-ipe. plalion for pain & plaasura). 12 भावनाओं में एक पायना; लोक की स्थिति, विस्तार, जीयों Smearing रेल मर्दन, उबटन लगाना आदि। के सुख-दुस आदि का बारबार चितन करना। लोकनाभि-lakanabhi. लेपाहार - Leprithara. The another name of Sumeru Mountain which is Natural grasping of nutrition for the development Situaled in centre of all three Laks as the navel. of body (I air, natural light, waler - tekirrg by plants). सुमेरू पर्वत का एक अपरनाम । क्योंकि यह नाभि के समान तीन आहार का एक पेन्द-एकेन्द्रिय वनस्पति आदि जीवों के द्वारा लोक के बीच (मध्यलोक) में स्थित है। मिट्टी, पानी, हवा, प्रकार के रूप में जो आहार ग्रहण किया लोकपंक्ति किया- Lokaparnkti Krivt. जाता है वह लेपाहार है। Silly tradition of antertaining activities. लेण्यकर्म-upyakarna. अंतरात्मा के मलिन होने से मूर्ख लोग जो लोक को रंजायमान Preparing statues by soil, sand.grassetc. करने के लिए किया करते हैं उसे लोकापंक्ति कहते हैं। सग. शल, पिट्टी आदि से प्रतिमाये निर्मित करना लेप्यकम कहा लोकपाल-Lokapita. जाता। The protecting deltien rn - Lebaru. चतनिकाय के देवों स भेदों में एक प्रकार-न्द्र द्वारा नियुक्त लोक रक्षक देव ओ कोतवाल के समान होते है। ये चार हैSticky edibles liquids or any matter. आरडार का एक घेद, जो हाथ में विपकता है ऐसा पतला पदार्थ माग, यन, बरुण आर कुमार।

Loading...

Page Navigation
1 ... 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566 567 568 569 570 571 572 573 574 575 576 577 578 579 580 581 582 583 584 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632 633 634 635 636 637 638 639 640 641 642 643 644 645 646 647 648 649 650 651 652 653