Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 418
________________ Lord Mahavir Hindi-English Jain Dicionary 367 प्रवचनी प्रयुतांग -Prryatanga विनाश, मष्टिविनाश अdaifणीन ने - दमा दखया Atime unt कार के उनचास दिन का काम जार वर्षों के बीत जाने पर काल का एक मा विशेष । जनुओ को ध्यागक नकल प्रगत हाना है। प्रयोक्ता-Pravakti प्रवचन - Praruna. Agent users. Sarmonas, preachings, exposition. A type of per अपयंग करने वाला। paletic deities प्रयोग -"myage श्रुरज्ञान की अपानाम, प्रिनपाणी, एका पत्रपिशाव त्यायो का अंद। Application (use). Efford, Experiment. सपनायगंदीगोद र प्रभावना - Praturammerrbikrainind Glorification of scriptures or sermons. प्रयोगकर्म - Prasvgakarina. आगम के 90 की मौत बिस्तर या मृद्धि करग । A type of Karn. प्रवचन भक्ति - PrantitarHirka क गा एक भेद, वह मन, चमकाय प्रणंग कर्म के भेद में Scripturaldevotion. प्रकार का मोगा। प्रवचन में कह हा अई का अनुष्ठान करना। 16 कारण प्रयोगगति - Prayaga tihati. भायन्गओं में एक भवन', हादशाग १ अनुगा राना । Speed of arrow wheel etc प्रवचन मातृका - Pratae are Marki. एक प्रकार की गति पुरुः के प्रयोग से होने वाली बाग, Conduct with carefulness and sell control. आदि की गति । 5 समिति र प्ति को प्रवचन पातका की। प्रयोगज परिणाम - Prayogujalurinamma. प्रवचन वात्सल्य - Pravarana Vitalya. Results of practical experiments (like knowledge Aflection towards co-religionists, to keep fove gained from preaching etc.). with one anoller अगदिमान परिणाम का एक भेद: गे परिणाम या निमित्त पर 16 कारण पावना की एक भावना; साधीजनों को देखकर आश्रिा। अंमे-बान, सीन, पावना आदि का उपदेश नेह से ओतप्रोत हो । के निमित्त में होरा, अचेतन मिट्टी आदि का सम्हार आदि के प्रवचन सन्त्रिकर्ष - Pravarnna Sarmiknxiet प्रयोग में पटरूप परिणायन आदि । Shrutgyer scriptural knowledge fwith all 12 प्रयोजन - Prayajana parts). द्वादशांग शान: जिम का कप में वदन सकिर होने हैं। Purpose, objeci, molive, occasion केय, लक्ष्य उद्देश्य, अगिपाय। किरी भर्य को पाने याने प्रवचनसार-Pravaudnaxare. योग्य निश्चित करके उमक पान या खेड़ा का उपाय करन्स । APrakrit Upetuse WRIRAN Dy.ArnetramunaKund. प्रयोज्यता - Fruyojyeath. आचार्य कुन्दकुन्द (ई 117.179) त ज्ञान, शव य बारिव विषयक एक साल मंथ. Appilcability. aptness. प्रयोजन के वश, उमयांग में उगने की योग्यता । प्रवचनसार टीका - Praveentastiro Tike. प्ररूपमा-Praripand. Acammentary book on Pravachanasar wril len by Achern Amntchandra. Representation, Enunciation (related to living प्रवचनप्पार पर 1 आचार्य अमृतवन्दर.905-955) कृत beings). निरुपण मत. मंजमा, पंध, उदय आदि की अपेक्षा जीयों का एक सस्कृतीका तत्त्वप्रथापिका',2. आचार्य जयसेन (ई.स. विशेन कष्न । 11.17 अथवा 11-131 कृत 'मापयति सम्वृत टीका । प्रवचनार्थ - Praveenarthd. प्ररोहण - Prarthana Ascant, growth. Another name of Strugwani, BCF|ptural knowlआरोह बढ़ाय । edge. श्रतज्ञान का पर्ययवाची नाम, जिस भागम में चपन और अर्थ प्रलंब- Pralamba. ये दोनों प्रकट अर्थात् निर्दोष उत्त आगम की प्रवचन Name of a plenal, All osculant tuber roots bul. bous roots पक महा नाम, पृमि में पविट कन्दयूल, अंकुर 'मूल प्रवचनी - Praveen प्रलय तया अक्षर, कोमल पते, फल और कोर पले' 'अग्र Another name of Shrugs. Bçriptural knows प्रलय कहलाते है। edge. छुतज्ञान का पर्यायवाची नाप, जिममें प्रकट वचन होते है यह प्रलय-Pralava. अवचनी है। Dissolution of the world, deadler, catastrophe

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