Book Title: Bhagavana Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan
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Lord Nanay Hindi English Jain Dictionary
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मुनिधर्म रखा जाता है।
पुरध्य कहलाता है और जो प्रधान होता है वह गौमा करलाल मुखत्रिका -Mukhavestika.
Mouth mask used by some of the Sevatarnkatar मुख्य धर्मध्यान -Mukhya Dharmadhurur Jain saints.
A type of nghiaous meditation mental melaस्पेलाम्बर मस के कुफा नगधु-गध्वियो द्वार जया की पाने physical involvement बाली घेत मुख पर्छ।
धर्मच्यान दो पदों (नुष्य और उपचार} एक पेद, मुखाचि मुक्तकरण विधि
आध्यत्पिऊना म गन any कारना। इसे निभाय Mukatrnethi Mukterkaran Vidhi
ध्यान भी कर सकते हैं। The process of abandoning the cleaning of मुख्य मंगल-Mukhya furingate mouth ateeth before lality.n ioranar EuiodicintinutLorchaineralattrauspiciousInitiated Digambar Jain ascetic.
ness पोजन से पूर्व की आने वाली पुखशुद्धि (मजन आदि से) का नानियों द्वारा शास्त्र के आद. मध्यन अन्त में शिघ्न निधरण के दीहा के पश्चात सदैव के लिए व्याण करने की एक विशेष विधि, लिए किया जाने वाला जिनेन्द्र देव का गुणस्तपन दीक्षा पाले दिन दीशाधी का पूर्ण उपयास (अ जल आदि
मुण्डन क्रिया -Mundarur knym. समस्त आवर का त्याग) an है, पुनः अगले दिन दिगम्बर जैन
A type of auspicious and sacred activity, head साधु की आदरदर्यानुसार नवधामलिपूर्वक आहार ग्रहण करने
shaving बेतु नवदीमिल साधु अपने गुरु के साथ आहारग्रयों का निशानसे
12वीं गर्भान्यय किया, पौन कर्म-केशवाय कप। शिशु के मंत्री हैं। इस आहारचर्या में पूर्व गुरु पारा उन्हें काष्ठारान् पर बिठाकर । आदिकी विधि द्वारा निर मुण्डन शराना । मुखशुद्धि नुस्करण नाम की विधि कराई जाती है। इस विधि के
मुदता -Mudga. अमुसार तीन, पाँध अम्पया तेरठ कटोरियों में लवंग, इलायची
Muring, a variety of pulse अदि से प्रासुक जल को सामने रखकर सिक्ति , योगिपति,
मूंग, एक प्रकार का अघ्र । आधाभक्ति, शातिभक्ति पर नदीक्षित को गुप्त उस जल के प्रारा गुलशुद्धि अर्थात् काला करते हैप.शलिए भोजन मुना - AMudra. से पूर्व की जाने वाली मुखटि का त्याग करा देते । यद्यपि
Poolure of meditation for performing religrous यह विधि वर्तमान में प्रचलित नहीं है, लेकिन शास्त्रों में दीक्षाविधि
observances
यंदना या ध्यान सामायिक आदि करते समय मुख व शरीर की के अन्तति यह विधि वर्णित है। जैसे- "प्रयोदशसु पंचसु त्रिषु ण
जो निश्चल आकृति की जाती है उस मुद्रा कहते है। यह जिनमुद्रा. कायोलिकासु ल्पग एला गिफलार्टिकम् निक्षिप्य. . ।
योगमुद्रा, बंदनामुना, मुक्ताशुक्तेि नवा इस प्रकार वार भेद वाली मुखस्थ कमल-Mukhastha Kanwaira A type of media on, to establish Saa' (a mys ,
मुद्राफर्म-fudrakarma tleword) Into the mouth. पदस्थ ध्यान की प्रक्रिया के अंलगंतक किया. पुख स्थित
An illustration to explain some religious thought,
pre-marking of something. कमाल जहां पंचाक्षरी मन्त्र (अलिआजमा) के 'ना' को स्थापित
अनुगोग के निरूक्ति अर्थ ने 5 दृष्टांतों में एक दशांत, लकड़ी से किया आमा है।
कोई वस्तु सैयार पारन के पहले भी ऊपर जा रगरी मुख्य -Mukhyu.
डोरी से मिकर दिया जाता है। Main, Prime.
मुनि-Munia प्रधान, प्रासंगिक।
The Jaina saini-one having Jarineshrun tusita मुख्यकाल -Makeyokita
(Jaina-initiation). A type of prime period of time
सामान्य रूप से निन्छ साधुओ कानिकहा जाता है। बना लक्षण माल का प्रथम घेद; गाँग काल की प्रति इसी वारिसार गंथ ऋषि, मुनि, दति आदि भेटवारा काल के कारण होती है।
मनःपर्ययज्ञानी व चलानी को भी मुनि कहा है। मुख्य गणघर - Mukhya Gaaaditora,
मुनिगुप्त - Marigupta. Head of the chlof disciples of Lord,
- Muriduria तीर्थकर के प्रधान शिष्य, जो दिव्यानि का सार बादशांग श्रुत के रूप में जगत को प्रदान करते है।
मुनिदेव -Munideva. मुख्य गौण व्यवस्था
Tho chlaf disciples al Lord Adinath
भगवान आदिनाथ के गणपों के नाम । Mukhya Getrena Vyavasthi. Bomething intended and non-intendoa.
मुनिवर्म - Muntetherma. स्थावाच शैली अथण प्रक्रिया: दोधर्मःमें जो प्रधान होता है वह Prescribed basie observancastor Jalna saints.
दिगम्बर जैन मुनियों द्वारा 28 मूलगुणों को धारण करना ।