Book Title: Bhagavana  Mahavira Hindi English Jain Shabdakosha
Author(s): Chandanamati Mata
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 417
________________ 0नकUणाम प्रमाद चर्या 388 भगवान महावीर हिन्दी-अंग्रेजी जैन शब्दकोश * अ कान बनान इंदना, पर्यटन करना और टन शिष्या आगिंजा श्री जिनमसी भागार्ज की है। समयदुसर की को । बाप का उल्राई।। प्रमाद बर्या - PraunateCurve. प्रमेयत्व - Pruirrevarved Conduct with carelessness. Something related to the knowledge of subject अदद का मऊ मंद। प्रमाद पूर्वक व्यवहार आदर करना। mattar प्रमाद प्रत्यय - Pramida Protwws, प्रग्य के भाव के प्रमेयत कान हैं। Carelessness in auspicious aclivities. प्रमेयात्माकर - Pramrparatriskrit कर्म बध के कारण में के कारण शुभ कार्यों में शालार A book written by Piruti Ashadharji ८ आशापर. 1118-1243) द्वार रचित एक थे । प्रमादयोग - Frencidaynga. प्रमेयरत्नानकार - Fromrundrritutnkari. Tendency of performing careless (vidlenceful) A book witten by Ander y Charukini activities आबाई चारुकीर्ति (इ.1544) कृत एक प्रथ । हिंसा क लक्षण. वाय हिरा गां की प्रवृत्ति । हामार्ग - Prackmarrza. प्रमादाचारित्र -Prautehicaritra Path leading to the bodiless state of salvation Conduct of negligence, work done with lust (as Lord Sidebar) प्रमोद माहित आचरणा, अम्बावधानी का नाम । अर्हत. सिद्ध अवस्था की प्राप्ति का मन है। मोक्ष-अर्हत प्रमादाबहुला - Pramidarbeariutu. अवस्था और क्ष-गिद्ध अवस्था है। Lustful प्रपोद - Prericarin. प्रमाद में ना आ । Joy, pleasure, delighi. प्रमा प्रमेय - Proni Prnmeyu. मुख की प्रसवना आदि द्वार भीतर की भक्ति और अनुण का Name of book related to judicial matters. त्यक्त होना। यतियों के गुणों का विचार करके उनके। न्याय विषयक एक य । सर्व मानना यह प्रमोद भावना का लक्षण है। प्रमार्जन -Pramirjane. प्रयाग - Prayrige Careful act of punticalion Name of the initiation & omniscience place of पिच्छी आदि कोमल उपकरणों में शरीर-ममि अादि को जीवी Lord Rishabhdev. lta present name is Allahabad के रक्षार्थ माजन कर लेना या झाड़ लेना । Anew place of pllgrimapa Tirthankar Rishabhdee Tapasthall' has also constructed here on the In प्रमार्जित-Pramarjitar spiration of Ganuni Shrl Gyanmai Malall. Caretuly purifled place. body etc.. भगवान ऋषभदेव की दीक्षा एवं केवलज्ञानकल्यापाक भूमि विची आदि कोपल उपकरण से साफ की हुई भूमि आदि । (जहाँ भगवान ने प्रष्ट रूप से त्याग किया), वर्तमान इलाहाबाद प्रमिति - Praniti (३.प्र.)। युग के प्रथम केशलोंच, प्रभम जैनेश्वरी दीक्षा, प्रथम Authentic knowledge. केन्लशम, प्रथम म्भवमरण एवं प्रथम आर्यमादीक्षा की भूमि। किमी प्रमाण में प्राप्त आना या निश्चित ज्ञान । पुज्य गणिनी श्रीमानमती माताजी की प्रेरणा से ई. सन् 2001 प्रमृशा - Prarant में इस भूमि पर इलाहाबाद-बगरस हाइवे पर) तीर्थंकर ऋषभदेव A niver of Surat Asherre Ana Khand (region) तपस्थली तीर्य का निर्माण किया गया, जिसमें धातु के वटवृक्ष के परत क्षेत्र आखिडकी एक नदी । नीचे दीक्षा मुदा में भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा, भगवान शषभदेव प्रमेय - Pronrya. समवसरण, 12 बिनालय युक्त 50 फुट ऊंचा कैलाशपर्वत, Object to be known completely भगवान ऋषभदेव कीर्तिस्तंभ, अतिथिगृहमादि रचनगर निर्मित की द्रव्य पर्याय स्पषस्तु ही प्रमेय है। प्रमाण (ज्ञान) से जो जाना गई हैं। फैलाशपर्वत के शिखर पर 14 फुट उत्तुंग भगवान जाये। सपनदेव की विश्वास पचामन प्रतिमा विराजमान है। पुम्म मातापी प्रमेय उपक्रम -Pruneya ilpakrana की प्रेरणा से नत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा राजधानी दिल्ली से ई. सन 1999 में उद्घाटित 'भगवान A type of Uppkrant (8 type of pursuanca or in troduction). ऋषभदेव समवसरण श्रीविहार' ३ तक सम्पूर्ण भारत में उपक्रम के अधिकार का एक भेद । धनप्रभावना के पश्चात् तीयकर ऋषभदेव तपस्थली-प्रयाग के प्रमेयकमलमार्तड - Praneyakanaleumirtarnpur. समवमरण मंदिर में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश द्वारा स्थापित किया गया । A book willen by Actor Prabhachand. आचार्य माणिक्यमन्दिर.925-1023) परीक्षामखर प्रयुत-Prayera. आग प्रपाचन्द (ई.950-1020) कृत एक टीका। इसकी A time unit हिन्दीका गणिनीप्रमख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से मात का एक प्रभाषा 84 लाख प्रयुतांग प्रमाण काल । Lord sans of pllgrimage Weted here on the in

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