Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ ग्राम अजीत यह ग्राम बाड़मेर-जोधपुर रेलमार्ग पर पाया हुआ है। यहां पर एक श्वेत पाषाण का शिखरबन्द मन्दिर है। श्री मूलनायकजी श्री ऋषभदेवजी की प्रतिमा श्याम पाषाण की है। मन्दिर के अन्दर एक छत्री बनी हुई है जिसमें श्री शांतिनाथजी, श्री अजीतनाथजी तथा श्री अनन्तनाथजी विराजमान हैं। 1. श्री मूलनायकजी श्री ऋषभदेवजी प्रतिमा लेख: __वि. सं. 2013 माघ सुदि 14 बुधे श्री ऋषभदेव जिनबिंब ग्राम दूदाड़ावाड़ाया (अजीत) श्रीसंघेन श्रीसंघेस्य श्रेयोर्थ कारापितं प्रतिष्ठितं च तपागच्छाधिपति भट्टारक प्राचार्यदेव श्रीरंगविमलसूरीश्वरेण कारापिता कालान्द्री नगरे / 2. छत्री लेख: वि. 1961 द्वि वैसाख सुदि 5 सकल श्रीसंघेन श्री शान्तिनाथबिंब स्थापितं प्रतिष्ठित तपागच्छाधिपतिराज श्रीविजयसिद्धिसूरि निर्देशेन मुनिकल्याणविजयेन : तीनों प्रतिमाओं पर नाम के सिवाय एक ही लेख है / 3. धातु मूर्ति छोटी: सं. 1664 व. पोस व. 7 बुधे सा. हेमाकेन पार्श्वबि. का. प्रतिष्ठितं श्रीविजयदेवसूरिभिः / 4. पञ्च घातु प्रतिमा लेखः संवत् 1576 वर्षे मिगसर सुदि 6 दिने रविवासरे उकेसवंशे बोहिथरागोत्रे सा. मेला भार्या मेलादे पुत्र सा. रणधीर भार्या सोमलदे................... / ग्राम आसोतरा ... यह ग्राम बालोतरा से विठूजा बस मार्ग पर पाया हुआ है। बालोतरा सिवाना बस मार्ग पर श्री खेतारामजी की प्याऊ पर उतर कर