Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख 2. श्रीअचलगच्छाधिपति प. पू. प्रा. भ. श्रीगुणसागरसूरिश्वरजी म. सा. की आज्ञानुवति बा. ब्र. प. पू. ज्योतिष्प्रभा श्रीजी. म. सा. को प्रेरणा से समेतशिखरजी महातीर्थ के अधिष्ठाईदेव श्रीभोमियाजी महाराज का यह बिंब पड़ाईया पोकरदास रूगामलजी के परिवार सहित बाड़मेर श्रीसंघ को भेट संवत 2038 मिगसर वदि 11 रविवार तारीख 22-11.81 (197) . 3. अंचलगच्छाधिष्ठिका महाकालीदेवी के इस बिंब की प्रतिष्ठा प. पू. प्रा. भ श्रीगुणसागरसूरिश्वर म. सा. की आज्ञानुवर्तिनी बा. व. प. पू. ज्योतिष्प्रभा श्रीजी. म. सा. के कर-कमलों द्वारा शा. नानबाई जेवत गा. कच्छ बीदड़ावाला ने करवाई तपस्वी दो बहनों की तरफ से यह बिंब भराया एवं कच्छनाना प्राशंचोप्रा वाला प्रदीप छेड़ा की तरफ से देहड़ी कारवाई संवत् 2038 मिगसर वदि 11 रविवार / . बालोतरा . . .. यह ग्राम बाड़मेर जोधपुर रेल्वे लाईन पर पाया हुअा है / बाड़मेर जिले का दूसरा बड़ा नगर है / यहाँ से बाड़मेर, जोधपुर, सिवाना, जालोर तथा आसपास के छोटे बड़े ग्रामों को बसें जाती है। प्रसिद्ध जैन-तीर्थ श्री नाकोड़ा जी के लिये यही रेल्वे स्टेशन है जो तीर्थ से 11 कि.मी. दूर है। यहाँ पर कई जैन-मन्दिर, दादावाडीयां वगैरा है।" श्री धर्मनाथजी का मन्दिर पारस भवन (198). . 1. पब्बासन लेख जगती अघ विनाशे, कौशलं श्रीं ह्रीं यतीन्ने। सुकृत गुण निधाने, हिम्मतो धीर वीरै / / परिमल गुण शोभा, नाम मेवानगरे।। कृत विहित प्रतिष्ठा. धर्मनाथस्तु बिम्ब / / . सं. 2016 माघ सु. 14 गुरुपुष्ययोगे बालोतरानगरस्थ पार्श्वनाथभवने श्रीधर्मनाथबिम्बानि मेवानगरे श्रीसंघेन कारितं प्रतिष्ठितं /