Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ 60 ] बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख राजमन्दिर श्रीकुन्थुनाथजी शिखरबन्द (न्याति नोहरे के पास) (267) 1. प्रतिष्ठा लेखः- .. . वि. सं. 2041 वैशाख कृष्ण 5 शुक्रवासरे निमाजनगरे श्रीकू थनाथजिनबिंब सिवानावास्तव्य श्रीमदराजचन्द्र मुमुक्षुमंडलेन कारापितं तथा तपा. आचार्य पद्मसागरसूरिभिः प्रतिष्ठितं च शुभ भूयात श्रीसंधस्य च / / -- सुमतिनाथजी का मन्दिर-न्याति नोहरा, मोकलसर रोड (268) 1. प्रतिष्ठा लेख श्रीगढ़सिवानानगरे वि. सं. 2040 माघमासे कृष्णपक्षे प्रतिपदा तिथौ बृहस्पतिवासरे श्रीसुमतिनाजिनबिंब श्रेष्ठिवर्यं मुल्तानमलजीश्रेयोर्थे अमीचन्द प्रवीणकुमार हीराचन्द जिनेश विवल महावीर विक्रम बागरेचा सपदियारेण श्रीतपागच्छीय प्रा. भ. श्रीमद्विजयसोमचन्द सूरीश्वरजी पं. श्रीजिनचन्द्रविजयजी सपरिवारस्य शुभनिश्रामम अंजनम कारितम् / / तथैव कृष्णपक्षे पष्ठि तिथौ चन्द्रवासरे प्रतिष्ठितम / / इति शुभं भवतु / / श्री ऋषभदेवजी का मन्दिर-पादरू का बास (266) 1 प्रतिष्ठा लेख जयन्तु वीतरागाः श्रीसौधर्म वृहत्तपोगच्छाधिपति पूज्यपाद भट्टारक गुरुदेव प्रभु श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वर जी मा. के पट्टधर न्याय चक्रवर्ती श्रीधनचन्द्रसूरीश्वर जी म. के पट्ट साहित्य विशारद श्रीभूपेन्द्रसूरीश्वरजी म. के पट्ट तीर्थोद्धारक श्रीयतीन्द्रसूरीश्वर म. के पट्ट गणाधीश श्रीविद्याचन्द्रसूरीश्वरजी ने. वि. सं. 2501 वि. सं. 2031 श्रीराजेन्द्रसुरि सं. 66 पौष सु. 14 के दिन शुभ लग्नांश में चौमुख चैत्य की प्रतिष्ठा की। चौमुखजी का मन्दिर श्रीपार्श्वनाथजी (300) 1. प्रतिष्ठा लेख-.. श्री पार्श्वनाथ प्रभु की स्थापना इस मन्दिर की प्रतिष्ठा परम