Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
View full book text ________________ 64]. बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख (442) 9. वेरोश्यादेवी: ॐ नमः सं. 2003 रा फाल्गुण कृष्ण 7 बुधे अगवरीनगरे श्रीमल्लीनाथजिनचैत्ये . वेरोश्यादेवी विजय प्राणदसूरिगच्छे यति. पं. राजविजय प्रति. . (443) 10. आदिनाथ: सं. 2005 माघ सु 5 जालोरवास्तव्य सा. छोगालाल पुत्रेण शा. हिम्मतमलेन पुत्र हर्षचन्द्रादिसहितेन श्रीग्रादिनाबिंब कारितं मं- देवीचंद मिश्रीमलेन कारितं प्रतिष्ठायां पं. प्र. कल्याण विजयगणिना जाबालिपुरे। (444) 11. अजितनाथ: सं. 2005 माघ सु. 5 जालोरवास्तव्य सा. छोगालाल पुत्रेण सा. हिम्मतमलेन पुत्र हर्षचन्द्रादिसहितेन श्री अजितनाथबिंब कारितं में देवीचन्द मिश्रीमलेन कारितं प्रतिष्टायां पं. प्र. कल्याणविजयगरिगना जाबालिपुरे। (445) 12. शांतिनाथ: स. 2005 माघ सु. 5 जालोरवास्तव्य सा. छोगालाल पुत्रेण शा. हिम्मतमलेन पुत्र हर्षचन्द्रादिसहितेन श्री शांतिनाबिंब कारितं मं. देवीचन्द मिश्रीमलेन कारित प्रतिष्ठायां पं. प्र. कल्याणविजयगणिना जाबालीपुरे। (446) ..13. श्रेयांसनाथ :-- .....सं. 2005 माघ सुद 5 जालोरवास्तव्य सा. छोगालाल पुत्रेण सा. हिम्मतमलेन: पुत्र हर्षचन्द्रादिसहितेन श्रीश्रेयांसनाथ बिम्ब कारित भं. देवीचन्द्र मिश्रोमलेन कारित प्रतिष्ठायां पं. प्र. कल्याणविजयगणिना जाबालिनगरे 147) 14. चौमुख जी की छत्री पर : ॥श्री // सं. 2016 माघ सु. 14 गुरुपुष्य योगे श्रीश्री ऋषभादिचतुर्मुख देवबिम्ब जालोरनिवासी हिम्मतमल सोगाजी देवप्रसादसहितं कारितं प्रतिष्ठा मेवानगरे श्रीसंत कारिता प्रतिष्ठितं प्राचार्यदेवविजयहिमाचलसूरिभिः / / श्रीरस्तु / / ले. लक्ष्मीविजय . .
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