Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
View full book text ________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख / 101 (476) 14. वासुपूज्य: ___ संवत 1961 माघ सुदि 13 दिने वासूपूज्य जो बिम्ब कारापितं श्री सघन प्र. जगदगुरुदेव श्रीमद्विजयहीरसूरीश्वरजी के .... (480) 15. जिनदत्तसूरि-मूत्तिः -- वि सं. 2008 मार्गशीर्ष शुक्ल 1 . गुरो गढ़ सिवाना निवासी ललवानी जैन कुटुबेन खरतरगच्छाचार्य जंगम युगप्रधान भट्टारक दादा श्रीजिनदत्तसूरीश्वराणां मूति कारिता श्रोजिनरत्न सूरिणा च प्रतिष्ठा मेवानगरे / पेढ़ो द्वारा पुनः स्थापित सं. 2026 मिति मार्ग शुक्ल 6 शांतिनाथ मन्दिर गर्भगृह (481) 1. जिनभद्रसूरि-मूत्ति:. संवत 1518 वर्षे ज्येष्ठ वदी 5 दिने ऊकेश वंशे व्य. कुशलाकन सपरिकरेण श्रेयोर्थ श्रीजिनभद्रसूरीश्वराणां मूर्तिः कारिता। प्रतिष्ठिता श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः // (482) 2. शिला पट्ट प्रशस्तिः संवत 1666 वर्षे / भाद्रपद शुक्ल पक्षे / श्री द्वितीया दिनः। शुक्रबारे श्रीवीरमपुरे। श्रीशांतिनाथप्रासादे / भूमिगृहे / श्रीखरतरगच्छे / युगप्रधान श्रीजिनचन्द्रसूरिविजयराज्ये / आचार्यश्री जिनसिंहसूरि योवराज्ये / श्रीराउल श्रोतेजसीजी विजयराज्ये / कारितं श्रीसंघेन / लिखितं वा श्रोगुणरत्न गणीनां विनयेन रत्नविशालगणिना। सूत्रधार चांपा पुत्र / रत्ना पुत्र / जोधा दामा / पुत्र मन्ना धन्ना / वरजांगेन कृता भत्रीज सोमा किल्याण / केला। मेघा / श्रीरस्तु / शांतिनाथ मन्दिर प्रादिनाथ देहरी . (483). 1. वासुपूज्य: श्रीवासुपूज्य सा. मेघाकेन....संवत 1513 वर्षे माघ सुदि 3 दिन ..
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