Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
View full book text ________________ 100 ] बाड़मेर-जिले के प्राचीन न शिलालेख (475) 10. शांतिनाथ मूलनायक: / / सं. / / 1610 / शाके 1775 रा प्रवर्त्तमाने माशोत्तममासे माघमासे धवलपक्षे 5 तिथौ गुरुवासरे महाराजाधिराज महाराजाजी श्री. तखतसिहजी कु / श्रीजसवन्तसिधजी विजयराज्ये श्रीपालीनगरे समस्तश्रीसंघ महामहोच्छवेनांजनसिलाकाकृत.।। जोधनगरे वास्तव्य श्रीप्रोसवंशे मु। श्रीअखेचन्दजी तत्पुत्र मु. / / श्रीलक्ष्मीचन्दजी तत्पुत्र मु. / / श्री।। मुकनचन्दजी धर्मानुरागेन महोछव कागपित श्रीमहेवापडगने श्रीविरमपुरनगरमध्ये संखलेचा माला सा. कारापित श्रीजिनालये श्रीशान्तिनाथ विम्ब प्रतिष्ठित जगदगुरु डिरुदधारक क. खरतरगच्छ भावहर्षगच्छेश / भ / श्रीजिनक्षमासूरिपट्टे / भ। श्रीजिनपद्मसूरिभि. प्रतिष्ठित सकल श्रेयोथम / / (476) 11. सुपार्श्वनाथ: ॥सं. 1910 रा शाके 1775 रा पवर्तमाने मासोत्तमासे माघमासे धवलपक्षे 5 तिथौ गुरुवासरे महाराजाधिराज महाराजाजी श्रीतखतसिंहजी / कु / श्रीजसवन्तसिंहजा विजयराज्ये श्रीपालीनगरे समस्तश्रीसंघ महामहोच्छवेनांजनसिलाकाकृत मु. // श्रीमुकुनचन्दजी धर्मानुरागेन महोच्छव कारापित' श्रीमहेवापरगने श्रीवीरमपुरनगर मध्ये संखवालेचा माला सा. कारापित श्रीजिनालये श्रीसुपार्श्वनाथबिंब प्रतिष्ठित....... भ. श्रीजिनपद्मसूरिभिः .......... (477) 12. चन्द्रप्रभ: // संवत 1910 शाके 1775 प्र. मासोत्तममासे माघमासे शुक्ल पक्ष 5 तिथो गुरुवासरे श्रीपालीनगरे अंजनशलाकाकृतं / समस्तसंघ सयुक्तेन स्वश्रेयसे श्रीचन्द्रप्रभजिनेन्द्रबिम्ब कारितं / प्रतिष्ठितं / भ। श्रीजिनपद्मसूरिभिः खरतर श्रीभावहर्षगच्छे / श्रीमदवीरमपुरनगरे जिनालये स्थापित // (478) 13. कुन्थुनाथ: सं 1965 फागुन कृ. गुरो सिवानावास्तव्य संघेन बिम्ब कारित प्रतिष्ठितं भ. राजेन्द्रसूरिभिः प्र. जसरूप जीताभ्यां.........."आहोर नगरे।
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