Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 117
________________ बाड मैर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख श्री शान्तिनाथ मन्दिर ___ (466) 1. नेमिनाथ का उसग्गीया :-- सुखड वेवल देल्हा वाछिगा सुहड़ी रुपिणी वालदेवी जामणो (467) उजोवरण रासल सुमति श्रे. वीरा देऊ हेमन्ती काबी जिनदेवो (468) 3. कीतिरत्न सूरि-पादुका : // संवत 1525 वर्षे वैशाख वदि 5 दिन श्रीवीरमपुरे श्री. खरतरगच्छे श्री कीतिरत्न सूरीणां स्वर्गः तत्पादुके संखवालेचा गोत्रेसाः काजल पुत्र साह त्रिलोकसिंह खेतसिंह जिणदास गउडीदास कुसलाकेन भरापित सं. 1631 वर्षे मार्गशिर वदि 3 प्रतिष्ठितं श्री जिनचन्द्रसूरिभि : // (466) 4. रंगमण्डल के उपरः॥६० / / संवत 1586 वर्षे कार्तिक वदि 8 दिन / (470) 4. शिलापट्ट प्रशस्तिः -- // संवत 16....4 वर्षे भाद्रवा सुदि 12 सोमे राउल श्री मेघराज विजै राज्ये श्रीखरतरगच्छे जिनचन्द्रसूरिविजैराज्ये सूत्रधार जोधा सूत्रधार सामल सुरताण उदा सोजिग गोमा रूपा ईसर श्री थीपा / उजल (471) . / संवत 1614 वर्षे श्रीवीरमपुरे // श्रीशान्तिनाथचैत्ये मार्ग शोर्षमासे प्रथम द्वितीया दिने / श्रीखरतरगच्छे श्रीजिनचन्द्रसूरि विजय राज्ये // सश्रीक वीरमपुरे विधि चैत्यराजे / प्रोत गचंगशिखरे नुतदेवराजे। __सोवर्ण वर्ण व पुषं सुविशुद्धपक्षे। श्रीशान्तितीर्थ प्रतिमाकृत शुद्ध पक्षं // 1 //

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