Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 111
________________ 62 ] बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख सूरीश्वरेण सकलश्रीसंघेनस हितेन नालमण्डप नोतनं कारापित ।।चैत्य सर्वेषु जीर्णोद्धार कारापिता लिखतं वा. / जयराज / / सूत्रधाररामचन्दजी-पुत्रढ़ालजीकृत वास जोधपुर / / श्रीरस्तु / / कल्याणमस्तु / / (430) 4. सूविधिनाथ: ॥स. 2016 माघ सु. 14 गुरुपुष्ययोगे श्रीसुविधिनायबिंब मेवानगरे श्रीसन कारापितं प्रतिष्ठित प्राचार्यदेव-विजयहिमाचलसूरिभिः श्रीरस्तुः ...... . . (431) 5. शान्तिनाथ:... // सं. 2016 माघमासे शुक्लपक्षे 14 गुरुपुष्ययोगे श्रीशान्तिमाथबिम्ब मेवानगरे श्रीसंघेन कारापित प्रतिष्ठितं प्राचार्यदेव विजय हिमाचलसूरिभिः श्रीरस्तु। . (432) 6. पुण्डरीक गणधरः.. वि. सं. 2016 माघ सु. 14 गुरुपुष्ये श्रीपुण्डरीकगणधर-मूर्ति बलाणावास्तव्य प्राग्वाट श्रीभीकमचन्द चेनाजी ताराचन्द मूलचन्द चन्दनमल माता चनादेव्येसह श्रीपुण्डरोकगणधर प्रतिमेय कारिता प्र. मेवा. नगरे श्रीसंघेन प्रतिष्ठित हितान्तेवासीविजयहिमाचलसूरिभिः श्रीरस्तु / / 7. पुण्डरीकगणघर की छत्री:-- : ॥श्री। श्रीपुण्डरीकगंणधरेभ्यो नमः / / माधेमासि सिते दलं ऋतुवरं शम्भुप्रिय शुभतिथि माने मानसधारित प्रभुवर श्रीमद् विजयहिम्मतम / मेवानाम सुनामधन्यनगरं सर्वेश्वरभासित / पुण्डरीक गणनायक जिनवर देवं च संस्थापितम स. 2016 माघ शुक्ल तिथौ गुरुपुष्ययोगे श्रीरस्तु। ....... / चौमुखजी की देहरी 1. प्रादिनाथ:॥ समत 1543 रा वसख सुदी 3 वार गुरु ऋषभदेव ......... (435) 2. महावीर: / / सं 1628 शा. 1763 माघ सुदि 13 गुरौ .......

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