Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख पूज्य सकल आगम रहस्य वेदी बाल ब्रह्मचारी स्व. प्रा. देव विजयहर्ष सूरीश्वर जी म. के प्राज्ञाकारी पूज्य पाद मुनिराज श्रीकस्तरविजयजी महाराज (देहलावाला) के कर कमलों से सम्पन्न हुई वि. सं. 2022 मीगसर शुक्ल 10 वार शुक्र चौधरी चन्नीलाल सरदारमल संतोकचन्द्र पुखराज पारसमल सुरजमल जवाहरलाल बेटा पोता अगदाजी बागरेचा की तरफ से / (301) 2. पंच घातु प्रतिमा-- सं. 1508 वर्षे प्राषाढ़ सुदि 6 रा सुराणा गोत्रिय भा. सीमाकेन स. सहसराज निमित्ते श्रीसुपार्श्वबिंब कारित प्र. पं. श्री.राज गच्छे श्री............. 3. पंच धातु प्रतिमा- // स 1508 वर्षे जेष्ठ सुदि 13 बुधे उपकेश ज्ञातोय बालड़ गांगा स. दीता भा. कमीदे पु. रूपा भा. मोहणदे पु. वरडा सहि. श्रेयस श्री शान्तिनाथबिंब कारितं प्रतिष्ठितं वोकड़ी गच्छे श्रीमलयचन्द्रसूरिभिः / हरसारणी यह ग्राम बाड़मेर से उत्तर पश्चिम आया हुआ है। यहाँ तक बाड़मेर से बस जाती है। यहाँ पर श्री शान्तिनाथजी का मन्दिर है। (303) 1. मन्दिर पर लेख: ___ श्री जैन श्वेताम्बर श्री शान्तिनाथजी का मन्दिर हरसाणी सं, 2010 चैत्र सुदि 15 वी 2480 (304) 2. पंच धातु प्रतिमा : ___ सं. 1325 माघ सुदि 5 सनै श्री सुरता श्री श्रीमाल सा, मूलदेव भार्या मुजल पुत्र सा. कालऊ भार्या तयजलदेवी पुत्र सा. घतऊ भा सोमऊ ए तिष्णं श्रेयसे श्री आदिनाथ प्रभृति पंचायतन कारित प्रतिष्ठितं पल्लि गच्छे श्री - सूरिभिः ___ (305) 3. पंच धातु प्रतिमा: सं. 1523 बर्षे दिवे कातीय सुद 6 बुधे मोदाई प्राग्वाट ज्ञातीय सा. लापाजी भा. राणी सुत श्रे, कालाकेन भा. कर्मादे सुत होग भा. राजि