Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन मिलालेख [73 (318) 11. परिकर मूर्तियों पर :-- सं. 2016 माघ शु. 14 गुरु पुष्य योगे श्री पार्श्वनाथेदं परिकरं वेलर वास्तव्य जवानमल गणेशमलेन कारितं प्रतिष्ठितं मेवानगरे श्री संघेन प्रतिष्ठितं प्राचार्य विजयहिमाचलसूरिभिः कल्याणमस्तु शिल्पज्ञ सरेमल सोमजी चारणोद (राजस्थान) (319) 12. शांतिनाथ पंचतीर्थी : रोहिडावाला श्री शिवगंज निवासी (राज.) पोरवाल वजरीय परमार गोत्रिय ज्ञातीमा श्रीचुन्नीलालजी घ. प. कंकुबाई सुपुत्र श्रीदेवीचन्दजी तेमनी घ. प. बगसीबाई ना पुत्र श्री अनराज सम्पतराज सरदारमल कन्हैयालाल आदि परिवारे श्रीशान्तिनाथ पंच तीर्थी भरावी प्रतिष्ठा पू. प्रा. श्री विजय जिनेन्द्रसूरिजी महाराजे शिवगंज मां करावी स्वस्ति श्री 2466 वोराब्दे सं. 2026 वि. वर्ष मार्ग सुद 10 ता. 15-12-1672 शुक्रवार श्रीपार्श्वनाथ मन्दिर गर्भ गृह (1) (320) 1. / / सं. 1861 माघ शुक्ल 5 श्रीमाल गोत्र श्रीराम........... श्रीरीषभदेवजी (321) . , 2. शिलापट्ट प्रशस्ति ॥सवत् 1864 वर्षे माघ वदि 5 सूर्जवासरे श्रीवृहत खरतरगच्छे सकल भट्टारक सिरोमरिण जंगम युगप्रधानम / श्री श्री 108 श्री श्री श्रीजिन हर्ष सूरिजी सूरीश्वरराज श्रीचिन्तामरिण पार्श्वनाथजी श्रीमहावीर जी संकल श्रीसघ सहितेन श्रीपाताल चैत्य नौतन कारापित प्रतिष्ठितं वा। जराज लिपिकृतं देहरारी दरोगाई सुप्रसादति सानक पंच दत। श्री राठौड़ वंशे राज श्रीजैसिंगदेजी विजे राज्ये / सूत्रधार गजधर सम्भू कृत: जोध हरदेवाजी रो बेटो। __(322) 3. यक्षमूर्ति: सं. 1661 माघ शु. 13 दिन /