Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 103
________________ 84 / बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख (380) 6. नेमिनाथ : ॥सं. 2016 माघ सु. 14 गुरुपुष्ययोगे श्रीनेमिनाथ बिम्बं प्र. मेवानगरस्थ श्रीनाकोड़ातीर्थ श्रीसंघेन / प्रतिष्ठितं विजय हिमाचलसूरिभि( // श्रीरस्तु / कल्याणमस्तु / शिवं भवतु : - (381) 7. सिद्धाचल पट्ट :. विक्रम संवत 2018 के मगसर वदि 7 से इस तीर्थस्थान पर पूज्य अनेक संस्थानों के संस्थापक विश्ववंद्य जैनाचार्य श्री श्री 1008 श्रीमज्जिनहरिसागरसूरीश्वरजी महाराज साहेब के शिष्यरत्न व्याख्यान वाचस्पति शासनप्रभावक श्री 1008 श्रीकांतिसागरजी महाराज एवं व्याकरण न्यायतीर्थ साहित्यशास्त्री मुनिराज श्रीदर्शनसागरजी महाराज के सानिध्य में उपध्यानतप शुरु होकर पोष सुदी 14 को माल उत्सव के उपलक्ष में उपध्यान तपस्वीयों की ओर से यह पट बनवाया गया। पंचतीर्थी मन्दिर की प्रालमारी में (382) 1. वासुपूज्य: ॥सं. 1681 वर्ष फा. शु. 10 बु.। समरथ वरधमान / वासुपूज्य कडुअामती। (383) 2. पार्श्वनाथ: // सं. 1716 वर्षे पंचोली कृष्णा भार्या सरखमादे श्रीपार्श्वनाथबिम्ब / (384) 3. आदिनाथ:-- . // सं. 1718 वर्षे सा. रामजीसुत डोसा आदिनाथविम्ब कारित प्रतिष्ठितं श्रीविजयगच्छे कल्याणसागरसूरिसुमतिसागरसूरिभिः पुण्यार्थे श्री। (385) 4. अष्टमंगल: सं. 1961 शा. 1856 मार्ग शुक्ल 13 दिने मेवानगरे

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