Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 107
________________ 88 . ] बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख 11. मुनि सुव्रतस्वामी:-- (405) वि. स. 2026 माघ सु 13 गुरौ पुष्ये इदं मुनिसुव्रतस्वामीविव..... श्रीग्रादिनाथ मन्दिर (406) 1. शांतिनाथ का उसग्ग:या : संवत 1203 वैसाख सुदि 12 श्रीवच्छक चैत्ये दा. सोलंकिकवंशज : __ उद्धरण--वराह पेषुकः श्रीमतुपेसकीयगच्छ प्रतिष्ठितं श्री. सिद्धाचार्यारणांगच्छे पापनसुत-जेसल-साढा-देल्हा-मातृमोहिणीसहितं कारितं / / (407) 2. नेमिनाथ का उसग्गीय :-- - संवत 1203 वैशाख सुदि 12 श्रीवच्छकचैत्ये सोलकिकवंशज सा. उद्धरण--बारहपेप्षुकै. श्रीसंडेरकीमगच्छे श्रीशान्ति भट्टाचार्यसूर रिणां-वासुदेव सह-के.शेन सर्बश्रेपोर्थ कारितं / जिणचन्द . (408) 3. महावीर :-- ___ सं. 1513 वर्षे माघ सुदि / (406) 4. विमलनाथ परिकर (ऊपर के हिस्से में): स. 1524 वर्षे ज्ये. शु. 6 वीरमपुरवासी उसवाल सा. बाहड़ चाहड़ चण्डा जेठा नामके: श्रीविमलनाथ परिकर कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसोमसुन्दरसूरि-शिष्य श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः (परिकर के नीचे के हिस्से पर) / सं. 1524 वर्षे ज्येष्ठ सुद 6 ऊकेशवंशीय लिंगागोत्रे सा. चांपा भा. कुरांदे पु. सा. बाहड़ चाहड़ चण्डा-भा. कपूरदे पु सना दत्तपुत्र सा. देवराज लाखरण हीरो दवीमा कुरा मेघा प्रापा दमराजादि कुटम्बयुतः श्रीविमलनाथ परिकर कारितः प्रतिष्ठित श्रीतपागच्छ श्रीसोमसुन्दर सूरिशिष्य श्रीलक्ष्मीसागर सूरिभिः

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