Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

View full book text
Previous | Next

Page 106
________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख (368) 4. पापर्वनाथ:-- ॥सं. 1955 फागुण वदि 5 गुरौ शेरगढ़वास्तव्य संघेनबिब कारितं प्रतिष्ठा कृता भ. राजेन्द्रसूरिणा कारापिता जशरूपजी........ .. (366) 5. आदिनाथ: . सं. 1661 रा माघ सुद 13 दिने प्रादिनाबिंब कारापित श्रीसंघेन पू. जगद्गुरुदेव श्रीमद् विजयहीर सूरीश्वरजी के सन्तानीय अनुयोमाचार्य श्रीहितविजय जी म. के प. पं. हिम्मतविजयेन श्रीमेवानगरे / (400) "6. पार्श्वनाथ: सं. 1661 माघ सुद 13 दिन श्रीपारसनाथजीबिंब कारापितं श्रीसंघेन प्र. जगद्गुरुदेव श्रीमद्विजयही रसूरीश्वरजी के सन्तानीय अनुयोगाचार्य श्रीहित विजयजी ....... ... .. .(491) 7. पार्श्वनाथः• सं. 2016 माघ सुद 14 तिथौ गुरुपुष्ययोगे श्रीपार्श्वनाथबिब तखतगढ़ वा. प्राग्वाट संघवी ऋषभचन्द केशरीमल तत्पुत्र शांति सुनील नन्दकुमारादि माता उनीदेवी सहः... लि. मुमुक्षु भव्यानन्दविजयेन श्रीरस्तु। (402) 8. पार्श्वनाथः-- - श्रीमहेसाणानगरे श्रीवीर सं. 2468 वर्षे वैशाख सु. 6 दिन श्रीपार्श्वनाथ जिनबिंब शेरगढ़नि उदेचन्द सुपुत्र चुन्नीलालेन कारितं प्रतिष्ठितं च तपा. प्रा. कैलाससागरसूरिणा। (403) 6. चन्द्रप्रभु: वि. सं. 2026 माघ सुद 13 गुरो पुष्ये इद चन्द्रप्रभबिंब कारा. श्रीसंघेन .... . (404) 10. श्रेयांसनाथ:-- . वि. सं. 2026 माघ सु. 13 गुरौ पुष्ये इदं श्रीश्रेयांसनाथबिंब कारी. श्रीसंघन ...

Loading...

Page Navigation
1 ... 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136