Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
View full book text ________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 85 (386) 5 अष्टमंगल: ॥सं. 2016 माघ शु. 14 गुरुपुष्ययोगे श्रीप्रष्टमंगलपाट श्रीमेवानगरे नाकोड़ातीर्थ श्रीसंधेन कारि. प्र. प्राचार्यदेव विजयहिमाचलसूरिभिः / (387) 6. अजितनाथ-चतुर्विंशतिका: वि. सं. 2028 ज्येष्ठ शु. 4 भृगु. इां अजितनाथचतुर्विंशतिका घाणेराव वा. गुदेचागोत्रीय केसरीमलस्य पुत्र प्रोटरमलेन स्वमात पानी देव्याः स्मृतौ कारिता प्ररिष्ठापिता च सीलदर संघेन प्रतिष्ठित विजयहिमाचलसूरिभिः लि. विद्यानन्दविजय श्रीरस्तु। (388) 7. पार्श्वनाथ: श्रीधोरीमना रा वासी रांका रोडीया जोधराज प्रतापमलजी की तरफ से उजमणानीमिते विजयहिमाचलसूरिभिः वि. सं. 2028 ज्येष्ठ शु. 4 भृगु. (386) 8. अष्टमंगल:. वि. सं. 2028 ज्ये. शु. 4 भृगु. इयं श्रीअष्टमंगलपट्टिका घामेराव वा. गुन्देचागोत्रीय केसरीमलस्य पुत्र प्रीटरमलेन (वर्तमान विद्यानन्दविजयः) स्व- मातु पानीदेव्याः स्मृतौ कारिता प्रतिष्ठापितं च सीलदरसधेन प्रतिष्ठित विजयहिमाचलसूरिभिः लि. संपतविजयश्रीरस्तु / (360) 8. अष्टमंगल: वि. सं. 2028 ज्ये. शु. 4 भृगु इदं अष्टमंगल धोरीमना रा वासो रांका रोडीया जोधराज प्रतापमलजी तरफ से जमरणानमित्त भार्या मीराबाई तरफ थी उजवणानिमत्ते का. भेंट प्र. सिलदरसंघेन प्र. वि. हिमाचलसूरिभिः सीलदरनगरे श्रीरस्तु लि. लक्ष्मीविजय / . (361) 10. महावीर-चतुर्विशतिकाः. . दोहिड़ावाला श्रीशिवगंजनिवासी (राज.) पोरवाल जाजरिया परमारगोत्रीया ज्ञातिया श्रीचुन्नीलालजी घ. प. कंकुबाई. सुपुत्र श्रीदेवी
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