Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 66
________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 47 पुत्र-पौत्रादिसहिते का प्रा मेवानगररे श्रीसंघेन / प्रतिष्ठितम विजयश्रीहिमाचल सूरिभिः / / श्रीखरतरगच्छ जैन-दादावाड़ी (203) 6. श्रीजिनकुशलसूरिश्वर छत्री लेख -- . स्वस्ति श्रोबालोतरानगरे सं. 2036 ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी तिथौ गुरुवासरे खरतरगच्छसंधेन कारिते कलिकाल कल्पतरु श्रीजिनकूशलसूरि मूत्तिः प्रतिष्ठित खरतरगच्छे जिनहरिसागरसूरि-शिष्य अनुयोगाचार्य कान्तिसागरादिभिः-शुभ भवतु श्रीसंघस्थ (204) 7. पादूका लेख:___स्वस्ति श्रीबालोतरानगरे सं. 2036 ज्येष्ठ शुक्ल पंचम्या गुरुवासरे नवांगी टोकाकार खरतरगच्छाचार्य श्रीमभयदेवसूरिश्वरैण पादुका प्रतिष्ठितं जिनहरिसागरसूरि-शिष्य खरतरगच्छाचार्य श्रीकान्तिसागरादि शुभं भवतु श्री संघस्य / / . (205) 8. पट्ट लेखः ॐ ह्रीं श्रीजिनकुशलसूरि सद्गुरुभ्यो नमः स्वस्ति श्रीबालोतरानगरे श्रोसंधेन कारिते दादावाड़ी मध्ये श्रीजिन कुशलसूरि मूर्तिःपादुकात्व प्रतिष्ठित नवांगी टीकाकार अभयदेवसूरि संतानीय जिनहरिसागरसूरि शिष्य अनुयोगाचार्य कान्तिसागरैः श्री श्रीखरतरगच्छे संवतः 2036 ज्येष्ठ शुक्ल पचम्यां गुरुवासरे। शुभं भवतु श्रीसंघस्य / ___ श्रीविमलनाथजी जैन-मन्दिर तपागच्छ (206) 6. प्रतिष्ठा लेखः - अस्याभिनव विमलजिनमन्दिरस्य निर्माणकार्य बालोतरा श्री. संघेन कारितं प्रतिष्ठितं च तपागच्छेश शासनसम्राट जगद्गुरुदेव श्री. मद्विजय हीरसूरिश्वर संतानीय हितान्तेवासी प. पू. मेवाड़ केसरी श्रीनाकोड़ा तीर्थोद्धारक प्राचार्य देव श्रीमद्विजय हिमाचलसूरिभिः वि. सं. कराग्निखनेत्रे 2032 माघ सु. 14 शनौ पुष्य योगे लि. हिमाचलन्तेवासी पं. श्री विद्यानन्द विजया गरिएक / श्रीरस्तु:

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