Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ 5. ] बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख केसरियानाथजी का मन्दिर (218) 21. स्वस्ति श्रीबालोतरानगरे सं. 2036 ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी तिथी गुरुवासरे खरतरगच्छसंघेन कारिते कलिकाल कल्पतरु श्रीजिनदत्तसूरि मूत्तिः प्रतिष्ठितं खरतगच्छे जिनहरिसागरसूरि-शिष्य अनुयोगाचार्य कान्तिसागरादिभिः शुभं। खरतरगच्छ दादावाड़ी के पीछे (कमरे में) . (216) 22. पादुका लेखः संवत् 1732 वर्षे चैत्र वदि द्वितीयायां सोमे श्रीमज्जिन श्रीजिन चन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं पादुके वा. श्रीपुण्यनिधानगणिः कारिते च पं. पुण्यहर्षेण / (220) 23. पादुका लेखः प्राचीन समाधि-स्थल वि.सं. 2032 माघ सुद 14 शनौ श्रीभावहरषगच्छेश क्षमारत्नसूरिश्वराणांमियं चरण-पादुका बालोतरासघन का. प्रा विजय हिमाचलसूरिभिः श्रीरस्तु / (221) 24. श्वेत पाषाण पादुका: ॥सं. 1923 व शा. 1786 प्र. मासोत्तम ज्येष्ठ शुक्लपक्षे चतुर्थी तिथौ गुरुवासरे श्रीम. नवरतराणांधिश्वर भट्टार्कायायाम श्रीजिनकुशल-पादुका प्रतिष्ठितं स्थापितं श्रीम. बोलपुरोपाश्रया श्रीभावहर्षगच्छयां श्रीजिनपद्मसूरिभिः बुढ़ीवाड़ा यह ग्राम बालोतरा पादरू बस मार्ग पर पाया. हुमा है। यहां एक प्राचीन उपासरा है जो अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है / उपासरे में मूलनायक श्रीऋषभदेवजी की श्वेत पाषाण-प्रतिमा है जिसका लेख अस्पष्ट है। ... (222) 1. श्रीआदिनाथ प्रतिमा लेखः-- संवत् 1746 वैसाख सुदि 3.......