Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 78
________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख 54 - (256) . . 2. पंच धातुं प्रतिमा छोटी: // स. 1520 वर्षे ज्येष्ठ वदि 6 शु. उ. सेठिगोत्रे जसा. भा. जाल्हणदे पुत्र सीघर भार्या बीजू पुत्र सोगासहितेन श्रीकुथनाथबिम्ब का. प्र. नागको गच्छे भ. श्रीधनेश्वरसूरिभिः / / श्री / / (257) 3. पंचधातु प्रतिमा बड़ी-र ___ संवत 1637 वर्षे माघ वदि 8 शा. श्रीदीववास्तव्य श्रीश्रीमालज्ञातीयये / रामईया भार्या लाह सुत सिंह राउस भार्या राषमादेप्रमुख कुटुंबसंयुक्त न. श्रीग्रादिनाबिंब कारापितं / श्रीमहात्पागछे भट्टार्क श्रीहीरविजयसूरिभि-प्रतिष्ठित / शुभ भवतु / / श्री / / शिव .. . यह ग्राम बाड़मेर में इसी नाम की तहसील का मुख्यालय है। यहाँ तक बाड़मेर से बस पाती जाती है तथा बाड़मेर जैसलमेर, जैसलमेर बस मार्ग में भी पड़ता है / आजकल यहां जैन लोगों के तीन चारघर हैं। पुराना खंडहर जैन-मन्दिर है जिस पर कोई लेख नहीं है। ' सरगपा . यह ग्राम बाड़मेर से पूर्व दिशा में पाया हुआ है / बाड़मेर सिगदरी रोड पर सपा घाटा उतरने पर गांव तीन मोल पड़ता है। सिरणदरी से नोहर जाने वाली बस मार्ग पर है / यहाँ पर एक घर मन्दिर है जिसका न. म लक्ष्मी भवन हैं। - (258) 1. रथापना लेखः परम पूज्य मेवाड़-केसरी * प्राचार्यदेव श्रीमद्विजयहिमाचल सूरीश्वरजी महाराज के शिष्यरत्न मुनिश्रीलक्ष्मोविजयजी मुनिश्रीमानक विजयजी के उपदेश से सणपा श्रीसंघ द्वारा निर्मित लक्ष्मी भवन . . (256).. 2. मूलनायकजी श्रीपादिनाथजी पंच धातु प्रतिमाः" / / संवत 1528 वर्षे वैसाख वंदि 5 महेवावास्तव्य उकेशज्ञाः चोपड़ागोत्रे सा. साल्हा भा. सिरिमादे सुत. हेमा राउलीस्या भा. हेमादे || ॐ॥

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