Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख [ 57 (250) 3. श्रीशांतिनाथजी प्रतिमा लेख:- // संवत 1955 फागुण वदि 5 गुरो राखीनगरेवास्तव्य पोरवाड़जातीय सा. जवेरचन्द तिलोकचन्द जीत्केन बिंबकारितं प्रतिष्ठितं / श्रीराजेन्द्रसूरिणां प्रतिष्ठा कारितामोसवाल / मू / जसरूप जीताजीत्केन माहोर नगरे तसं / राणी ग्राम - यह ग्राम बाड़मेर चोहटन बस मार्ग पर पाया हुआ है। बाड़मेर से दक्षिण पश्चिम में है / यहां एक घुमटीवाला जैन-मन्दिर है / मूलनायक जी श्री सुमतिनाथजी विराजमान हैं। (251) 1. श्रीमूलनायकजी श्रीसुमतिनाथजी प्रतिमा लेखः-- सं. 2016 माघ सुद 14 गुरु पुष्ययोगे श्रीसुमतिनाविब मेवानगरे श्रीसंघेन कारापिता पू. प्राचार्यदेवविजय हिमाचलसूरिभिः (252) 2. प्रतिष्ठा लेखः वि. सं. 2017 द्वि. ज्येष्ठ सु 13 सोमे राणीगांव श्रीसंघेन श्रीसुमतिनाथ प्रतिष्ठा कारापिता, खरतरगच्छाचार्य श्रीहरिसागरसूरि शिष्याण अनु. यो. आ. कांतिसागरेण प्रतिष्ठितं श्रीसंघस्य श्रेयसे भवतु / (253) 1 // संवत 1534 वर्षे माह सुदि 5 दिने मोढ़ज्ञातीय मंत्रिदेव कारापितं, प्रतिष्ठितं श्रीविद्याधर गच्छे श्रीहेमप्रभसूरिभिः .: यह ग्राम बाड़मेर तहसील में है / यह बाड़मेर मुनाबाव रेलवे का स्टेशन है जो बाड़मेर से पश्चिम में पाया हुआ है / यहाँ पर एक जैन मन्दिर है. जो घर मन्दिर है। प्रतिमा पंच धातु की है तथा श्री पार्श्वनाथ भगवान् की है, प्रतिमा प्राचीन है। .