Book Title: Badmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Author(s): Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publisher: Jain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth

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Page 71
________________ 52 ] बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख (227) 1. पूर्व मूलनायक श्रीपादीश्वर भगवान् प्रतिमा लेखः सं. 1606 वर्षे माघ कृष्ण परवा साहि दांग्रव उहसवालज्ञा. श्रे. देल्हड-पाल्हणश्रे. वागदेवीसहितेन श्रीऋषभदेवबिंब कारित प्रतिष्ठितः (228) 2. पंच धातु प्रतिमाः __ सं. 15.05 वर्षे मार्गवदि 7 दिने शुक्र सवराशाह साखगोत्रे सा. उगड़ा भार्या पोपहादे पुत्र तीराकेन भा. वोकलदे कारिता प्रतिष्ठित खरतरगच्छे श्रोतितवईसूरि श्रीनिहालगरसूरिभिः श्रीअजीतनाबिंब / / 3. पंच धातु प्रतिमा:- / ___ स. 1605 वर्षे माधवदि 11 गुरौ उशवालज्ञा. बापणागोत्रे सादा भा. सिरीमादे पु. अदा भा. भवकादे पुत्र जोगकेन भा. जयवंतदे पु. जीवालाखादिसहितेन स्वःश्रेयोर्थ श्रीकुथनाथबिंब का. प्र. उशवालगछे श्री. सिंहसूमिः यतियों की छतरियाँ (230) 4. पादुका लेख:-- | गुरां साहेब श्री श्री 108 श्री माहा / / विजेचन्दजी साहेब चरणपादुका प्रतिष्ठित / / संवत 1994 रा वैसाख सुद 2 बुधवासरे / / दीपचन्द।। धनराज प्रतिष्ठितम / / मजल नग्र स्थापितं / / सुभ भवतु / / ___(231) 5. चरण-पादुका लेख: श्रीगुरां साहेब श्री श्री 105 पं. // हुक्मचन्दजी चरणपादुका // संवत 1664 रा वैसाख शुक्ल 2 ने बुधवासरे / दीपचन्द धनराज प्रतिष्ठम शुभ भवतु / मजल नग्र प्रतिष्ठिम / / कल्याणमस्तु / / - (232) 6. चरण-पादुका लेख: श्री 1008 श्रीस्वगुरोंसा श्रीदीपचन्दजी स्थापित द्वारा इन्द्रचन्द 1964 सन् (233) 7. छतरियों की मढी सती लेख: // श्री अमाजी री बोउ दोलारी मा पोतरो पुरमल गोत सोलंकी

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